मोहल्लों में बंटकर छीनते थे मोबाइल फिर 7 हजार में देते थे बेच, B Tech छात्र करता था मदद

गांधी मैदान पुलिस ने फ्रेजर रोड पर स्थित महाराजा कामेश्वर कॉम्प्लेक्स के आकृति मोबाइल सेंटर में छापामारी कर पुलिस ने चोरी के 89 मोबाइल किए बरामद।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 15 Feb 2020 08:40 AM (IST) Updated:Sat, 15 Feb 2020 08:40 AM (IST)
मोहल्लों में बंटकर छीनते थे मोबाइल फिर 7 हजार में देते थे बेच, B Tech छात्र करता था मदद
मोहल्लों में बंटकर छीनते थे मोबाइल फिर 7 हजार में देते थे बेच, B Tech छात्र करता था मदद

पटना, जेएनएन। पटना में एक दुकानदार बिना कागजात के चोरी और लूट का मोबाइल चार हजार रुपये में खरीद लेता था, फिर फर्जी बिल तैयार कर उसे सात हजार रुपये में बेच देता था। चोरी व छिनतई के इस रैकेट का पर्दाफाश पटना पुलिस ने शुक्रवार को किया है। कार्रवाई में गांधी मैदान पुलिस ने फ्रेजर रोड पर स्थित महाराजा कामेश्वर कॉम्प्लेक्स के आकृति मोबाइल सेंटर में छापामारी कर चोरी के 89 मोबाइल बरामद किए। डीएसपी टाउन सुरेश कुमार ने बरामद मोबाइल का कागजात और खरीद बिक्री का बिल नहीं दिखाने पर दुकानदार अमित कुमार, मोबाइल खरीदने वाले मुरारी और चोरी की मोबाइल बेचने वाले तेज नारायण यादव को गिरफ्तार कर लिया है।

पीड़ित को मोबाइल सेंटर में मिला उसी का मोबाइल

राजीव नगर निवासी आनंद कुमार मूल रूप से वैशाली के जंदाहा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। 10 जनवरी की शाम करीब सात बजे वह एसपी वर्मा रोड गोलंबर के पास मोबाइल से किसी से बात कर रहा था तभी पीछे से बाइक सवार दो बदमाश मोबाइल छीनकर फरार हो गए। पीड़ित ने गांधी मैदान थाने में लूट की प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद आनंद गुरुवार को आकृति मोबाइल सेंटर में सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदने पहुंचे। दुकानदार ने उसके सामने दो दर्जन से अधिक मोबाइल रख दिया। संयोग से आनंद की नजर अपने मोबाइल पर पड़ी। उसने उस मोबाइल का दाम पूछा। दुकानदार ने उसे सात हजार रुपये में बेच दिया। दुकानदार ने उसे उसके ही मोबाइल का पक्का बिल बनाकर दिया। उसने मोबाइल लिया और गांधी मैदान थाना पुलिस को खबर कर दी। पुलिस ने मुरारी को गिरफ्तार किया तो उसके पास से तीन मोबाइल बरामद किया गया।

पुलिस की कार्रवाई पर भी उठने लगे सवाल

पुलिस का कहना है कि दुकानदार अमित बिना आइएमईआइ नंबर बदले सात हजार रुपये में चोरी और लूट का मोबाइल ग्राहकों को बेच देता था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि थाने में मोबाइल चोरी और छिनतई का केस दर्ज करने के बाद क्या पुलिस मामले की जांच नहीं करती है? अगर जांच करती है तो फिर दुकानदार चार महीने से चोरी का मोबाइल आम आदमी को कैसे बेच रहा था? अगर पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर जांच करती है तो तो बिना आइएमईआइ नंबर बदले लोग चोरी का मोबाइल कैसे इस्तेमाल कर रहे हैं?

एफजेड बाइक से घूमकर मोबाइल छीनता था तेज नारायण

पटना विवि में बीएड के छात्र मुरारी ने पुलिस को बताया कि कंकड़बाग में रहने वाला तेज नारायण नाम का लड़का उसे मोबाइल देता था। पुलिस ने तेज को भी गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से भी चोरी की दो मोबाइल बरामद हुआ। एक एफजेड बाइक भी मिली। पुलिस की मानें तो तेज नारायण और उसके दो अन्य साथी गांधी मैदान, कोतवाली, कंकड़बाग और पत्रकारनगर थाना क्षेत्र में मोबाइल स्नेचिंग करते थे। साथ में मुरारी भी रहता था।

आनंद को देख सन्न रह गया दुकानदार, बताए दो और नाम

गांधी मैदान थाना और कोतवाली थाने की पुलिस ने गुरुवार की रात आकृति मोबाइल सेंटर पर दबिश दी। दुकान में एक भी नया हैंडसेट नहीं मिला। डिब्बे में रखे सभी मोबाइल पुराने थे। पुलिस ने कंकड़बाग निवासी दुकानदार अमित को हिरासत में लेकर उससे बरामद 89 मोबाइल के पेपर की मांग की। पहले तो दुकानदार ने पुलिस को फ्लिपकार्ट और ओएलएक्स से सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदने की बात कहीं। लेकिन, जैसे ही आनंद कुमार को सामने खड़ा किया गया और उसने बताया कि जो आपने मुझे मोबाइल बेचा था वह किसी ने छीन लिया था। यह सुनते ही दुकानदार सन्न रह गया। तब उसने बताया कि कंकड़बाग शिवाजी पार्क के पास रहने वाले मुरारी ने उसे वह मोबाइल चार हजार रुपये में बेचा था। यह भी बताया कि वही मेरी दुकान में छिनतई और लूट का मोबाइल बेचता है।

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