यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पसंद हैं बिहार के अॉफिसर, जानिए क्यों?
बिहार के मूल निवासी अाइएएस और आइपीएस अॉफिसर्स यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पसंदीदा अॉफिसर्स हैं। उनपर योगी आदित्यनाथ भरोसा करते हैं।
पटना [जेएनएन]। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अफसरों में बिहार के अफसर अधिक हैं। इसका मतलब है कि बिहार के रहने वाले अफसर ही सीएम योगी की पहली पसंद बन रहे हैं। वे चाहे आइएएस अफसर हों या आइपीएस अफसर। योगी सरकार की ओर से अबतक की गई तैनाती में बिहार के अफसरों को काफी तरजीह मिली है।
डीजीपी पद से हटाए गए जावेद अहमद को पीएसी का डीजीपी बनाया गया है जो पुलिस के बाद प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी फोर्स मानी जाती है। आइपीएस भवेश कुमार सिंह सहित कई एेसे अफसरों पर योगी सरकार ने भरोसा जताते हुए उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया है। ये सभी मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले बिहार के मूल निवासी मृत्युंजय नारायण को अपना सचिव बनाया और फिर पटना के आदित्य मिश्रा को प्रदेश की कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी सौंप दी। वहीं सरकार की आंख-नाक-कान कहे जाने वाले अभिसूचना विभाग का मुखिया बिहार के सहरसा निवासी 1987 बैच के आइपीएस भवेश सिंह को बनाया।
जावेद अहमद को डीजीपी के पद से हटाए जाने के बाद भी उनको डीजी पीएसी जैसे अहम पद पर भेजा गया जो सिविल पुलिस के बाद प्रदेश की सबसे बड़ी फोर्स मानी जाती है। 1984बैच के आइपीएस जावेद अहमद भी बिहार के मुंगेर जिले के रहने वाले हैं।
वहीं पुलिस को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी भी 1984बैच के आइपीएस अफसर मुंगेर के ही आलोक प्रसाद को दी गई है। पुलिस का तकनीकी पहलू देखने की जिम्मेदारी बिहार के भोजपुर के रहनेवाले 1992बैच के आइपीएस आशुतोष पांडेय को मिली है।
प्रदेश में ट्रैफिक महकमा संभालने की जिम्मेदारी बिहार के सिवान के प्रशांत कुमार को दी गई है। इतना ही नहीं, सीएम ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एसएसपी की जिम्मेदारी बिहार के बेगूसराय के रहने वाले दीपक कुमार को दी गई है।
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इन सबके अलावा तकनीकी सेवा में तैनात रहे युवा आइपीएस अफसर संतोष कुमार मिश्रा को अमरोहा में तैनात कर पहली बार जिले का कप्तान बनाया गया है। बिहार निवासी अधिकारी अमित मोहन प्रसाद नोयडा और ग्रेटर नोयडा का मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाया गया है।
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बिहार के अॉफिसर हों या किसी अन्य प्रदेश के, योगी सरकार ने उन अफसरों पर ही विश्वास जताया है जो अपने काम के प्रति इमानदार हैं और उन्होंने कई एेसे काम किए हैं जिसपर सीएम को भरोसा है कि ये अफसर उनके लिए अच्छा काम करेंगे, उन्हें ही सीएम ने मौका दिया है।