जीपीओ के सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा करने के मामले में दो और कर्मी निलंबित Patna News

जेपीओ से फर्जीवाड़ा करने की रकत दो करोड़ से अधिक पहुंच गई है। मामले में संज्ञान लेते हुए विभाग के दो और कर्मचारियों का निलंबित कर दिया गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 06 Aug 2019 09:12 AM (IST) Updated:Tue, 06 Aug 2019 09:12 AM (IST)
जीपीओ के सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा करने के मामले में दो और कर्मी निलंबित Patna News
जीपीओ के सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा करने के मामले में दो और कर्मी निलंबित Patna News

पटना, जेएनएन। जनरल पोस्ट ऑफिस (जीपीओ) पटना के सरकारी खजाने से फर्जीवाड़ा कर निकासी की गई राशि एक करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गई है। सोमवार को इस मामले में दो और कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। छपरा डाकघर से जीपीओ में बुलाए गए राकेश कुमार शर्मा व बांकीपुर डाकघर से आए सुजय कुमार तिवारी को निलंबित कर संचिकाएं जब्त कर ली गईं। इस मामले में तीन अगस्त को काउंटर क्लर्क मुन्ना कुमार को सबसे पहले निलंबित किया गया था।

जीपीओ के सरकारी खजाने से धन की अवैध निकासी का खेल मई से चल रहा था। हिस्सेदारी की लड़ाई में गुमनाम पत्र के आधार पर शनिवार को भेद खुला तो सबसे पहले काउंटर क्लर्क मुन्ना को निलंबित कर मामले की जांच शुरू हुई। अवैध रूप से कर्मियों ने कितनी धनराशि निकाली है, अब तक इसकी थाह नहीं लग सकी है। सोमवार की शाम तक एक करोड़ रुपये से अधिक का मामला सामने आया, लेकिन अधिकारी इस संबंध में बात करने से कतराते रहे।

गबन की आशंका वालीं संचिकाओं को जब्त करने की कार्रवाई चलती रही। अब जांच का जिम्मा डीएलआइ को सौंप दिया गया है। सूत्रों के अनुसार डाकघर के ऐसे खाते, जिनकी परिपक्वता मियाद पूरी होने के बाद दावेदार नहीं आए, उसे निशाना बनाकर सरकारी पैसे की निकासी का खेल हुआ है। मामले में दोषी कर्मियों की पहचान कर विभागीय और कानूनी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। आपराधिक गतिविधि के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। हालांकि सोमवार को डाक विभाग के अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से इन्कार किया।

70 वर्षो से बेनामी खाते

डाकघरों में करीब 70 वर्षो से बेनामी खाते में धन पड़ा है। दरअसल, विभिन्न योजनाओं में पैसा जमा करने वाले परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद दावा करने कोई नहीं आया। इसके पीछे कई कारण हैं।

डाकघरों में भी मुन्नाभाई

जीपीओ में सरकारी पैसा निकासी करने वाला मुन्ना कुमार तो निलंबित हो गया है। लेकिन डाकघरों में ऐसे कितने मुन्ना भाई हैं? इनका पता लगाना आसान नहीं है। जीपीओ की तरह अन्य डाकघरों में बेनामी खातों में पैसे पड़े हुए हैं। ऐसे खातों में जमा राशि और परिपक्वता धन का कोई हिसाब नहीं मिल रहा है। बताया जा रहा है कि करीब 70 वर्षो से डाकघरों में बेनामी खातों की अद्यतन रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकी है।

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