फिर याद आई 'अप्रैल फूल' की भूली-बिसरी यादें

पटना। अप्रैल माह की पहली तारीख आते ही हर किसी के जेहन में पुरानी यादें कौंधने के साथ हल्की सी मुस्कान तैर जाती है। आम तौर पर इस दिन को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Apr 2021 02:19 AM (IST) Updated:Thu, 01 Apr 2021 02:19 AM (IST)
फिर याद आई 'अप्रैल फूल' की भूली-बिसरी यादें
फिर याद आई 'अप्रैल फूल' की भूली-बिसरी यादें

पटना। अप्रैल माह की पहली तारीख आते ही हर किसी के जेहन में पुरानी यादें कौंधने के साथ चेहरे पर मंद-सी एक मुस्कान तैर जाती है। आम तौर पर एक अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस तारीख पर हर कोई या तो किसी को उल्लू यानी मूर्ख बनाता है या फिर वह खुद बन जाता है। इस दिन की कुछ पुरानी यादों को ताजा करते हुए प्रस्तुत है एक रिपोर्ट : दोस्तों को पार्टी का कार्ड देकर बनाया अप्रैल फूल :

फ्रेजर रोड के रहने वाले संजय अवस्थी बताते हैं, उन्होंने कुछ वर्ष पहले 31 मार्च की रात में अपने दोस्तों को एक कार्ड भेजा, जिसमें पार्टी की बात लिखी हुई थी। इसके साथ पार्टी के स्थान का भी जिक्र किया था। दोपहर में सभी दोस्त पार्टी वाली जगह पर पहुंच गए और उसका इंतजार करने लगे। बार-बार फोन करने के बाद संजय ने उन लोगों को बताया कि वहां कोई पार्टी नहीं है। मैंने एक अप्रैल होने के कारण सभी को 'अप्रैल फूल' बनाया है। म्यूजिकल-शो के नाम पर बनाया गया अप्रैल फूल :

कंकड़बाग के रहने वाले आलोक बताते हैं, दो साल पहले उनके दोस्तों ने उन्हें फोन कर बताया कि उनके लिए एक म्यूजिकल-शो है, जिसका पैसा पहले ही मिल गया है। अब बस उन्हें 12 बजे से आकर शो की तैयारी करनी है। आलोक ने बिना डेट को ध्यान में रखे कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी। दोपहर में जब वह अपना सारा सामान लेकर पहुंचे तो पता चला कि वहां कोई कार्यक्रम ही नहीं है। उनके दोस्तों ने उन्हें मूर्ख बनाया है। भूत बनकर दोस्तों को डराया, बनाया 'अप्रैल फूल' :

जक्कनपुर के रहने वाले युगल बताते हैं, कुछ साल पहले वह दिल्ली में दोस्तों के साथ रहकर पढ़ते थे। उन्होंने दोस्तों को 'अप्रैल फूल' बनाने के क्रम में रात में भूत बनकर खूब डराया। कमरे में अंधेरा होने के कारण किसी को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और दोस्त फोन में व्यस्त थे तो उन्हें अहसास भी नहीं हुआ कि कमरे में भूत नहीं, उनका दोस्त ही उनके साथ मजाक कर रहा है। पूरी रात दोस्तों को परेशान करने के बाद अगली सुबह उन्होंने बताया कि वही रात में उन सबको 'अप्रैल फूल' बना रहा था। दोस्त के कहने पर पहुंच गया थाना :

राजेंद्र नगर के रत्नेश कुमार बताते हैं, कुछ साल पहले जब उनके एक दोस्त ने उन्हें फोन करके यह बताया कि उसके घर में चोरी हो गई है और उसके कारण थोड़ी चोट भी आई है। इसकी वजह से उसे उनकी मदद की जरूरत है। मदद के लिए बिना सोचे वह थाने पहुंच गया और वहां जाने पर जब उससे पूछा कि वह कहां है तो दोस्त की ओर से बताया गया कि वो 'अप्रैल फूल' बन गया है। उसने तो बस ऐसे ही मजा लेने के लिए मदद मांगी थी। छिपकली के डर से दोस्त ने छोड़ा कमरा :

कदमकुआं की रहने वाली ऊषा सिन्हा बताती हैं, कुछ साल पहले उन्होंने अपनी दोस्त अपर्णा को 'अप्रैल फूल' बनाया था। उन्हें पता था कि उनकी दोस्त छिपकली से बहुत डरती है। इसलिए उन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एक प्लान बनाया कि कैसे उसे 'अप्रैल फूल' बनाया जाए। फिर सभी ने मिलकर कागज की छिपकली बनाई और उसके ऊपर फेंक दिया। फिर क्या था, वह पूरे घर में मारे डर के घूमती रही। फिर हम लोगों ने वीडियो बनाकर उसे बताया कि हम लोग उसे 'अप्रैल फूल' बना रहे थे।

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