स्पेशल हैं ये कांवरिए-पीठ पर गंगाजल, हाथों से कांवर की जगह झाडू, जानिए

मस्तीपुर के चार कांवरियों ने भगवान शंकर का आशीर्वाद पाने के लिए सुल्तानगंज से बैद्यनाथधाम तक के 105 किलोमीटर लंबे कांवरिया पथ पर झाडृू लगाकर उसकी सफाई का व्रत लिया है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Mon, 13 Aug 2018 02:30 PM (IST) Updated:Mon, 13 Aug 2018 04:51 PM (IST)
स्पेशल हैं ये कांवरिए-पीठ पर गंगाजल, हाथों से कांवर की जगह झाडू, जानिए
स्पेशल हैं ये कांवरिए-पीठ पर गंगाजल, हाथों से कांवर की जगह झाडू, जानिए

बांका [आमोद कुमार दूबे]। कांवरिया पथ पर बाबा भोले नाथ को रिझाने के लिए उनके भक्त तरह-तरह के संकल्प लेकर उसे साकार कर रहे हैं। समस्तीपुर के चार कांवरियों ने भगवान शंकर का आशीर्वाद पाने के लिए गंगाधाम (सुल्तानगंज) से बैद्यनाथधाम तक के 105 किलोमीटर लंबे कांवरिया पथ पर झाडृू लगाकर उसकी सफाई का व्रत लिया है।

वे पीठ  पर गंगाजल बांध हाथ में झाड़ू लेकर कांवरिया पथ की सफाई करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। स्वच्छता का संदेश देने वाले ये चारों कांवरिये तमाम कांवरियों व लोगों के लिए प्रेरणा व आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। 

समस्तीपुर के ये चारों कांवरिए एक ही परिवार से हैं। इन्होंने अपनी-अपनी पीठ पर बाबा भोलेनाथ के लिए जल के पात्र बांध रखे हैं। उनके पास कांवर नहीं है। वे हाथों में झाडू लेकर कांवरिया पथ की सफाई करते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं। इनका मानना है कि वे बाबा के दरबार में जाने वाले कांवरियों के लिए कांवरिया पथ को साफ-सुथरा बनाए रखेंगे तो बाबा भोलेनाथ उनसे अधिक प्रसन्न होंगे।

इस विश्वास से सावन शुरू होने के दो दिन पूर्व से ही परिवार के चारों सदस्य  झाड़ू से कांवरिया पथ की सफाई करते हुए सुल्तानगंज से चलकर रविवार को गोडिय़ारी पहुंचे। चारों कांवरिये समस्तीपुर जिले के सरायरंजन थाने के लगमा गांव के हैं। इनमें कैलाश राय (65),महेंद्र राय (60), राम सहाय चौधरी (55)और रामदुलारी देवी (65) शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि कांवरिया पथ पर गुजरने वाले अधिकांश लोग उन्हें सफाई कर्मी समझ रहे हैं। कई लोग उन्हें गंदी जगह दिखाकर उन्हें साफ करने के निर्देश भी दे रहे हैं। लेकिन वास्तविकता समझने पर वे भी इसमें हाथ बंटाने का आश्वासन दे रहे हैं। पथ पर इस परिवार के कार्य से प्रभावित होकर कुछ लोग उनके प्रति कृतज्ञता भी प्रदर्शित कर रहे हैं।

इस टोली ने बताया कि बाबा के श्रद्धालुओं के लिए पथ की सफाई कर उन्हें शुकून मिल रहा है। उन्होंने बताया कि वे श्रावण माह के आखिरी दिन देवघर पहुंचेंगे और विधि पूर्वक बाबा का जलाभिषेक करेंगे। अगले वर्ष भी वे कांवरिया पथ की सफाई का व्रत पूरा करने का प्रयास करेंगे। 

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