स्वाभिमान का 'संग्राम' : नामे के खिलाफ बुलंद हुई आवाज

पटना के गांधी मैदान में संपन्‍न स्वाभिमान रैली वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वृहद विपक्षी एकजुटता की शुरुआत के लिए याद की जाएगी। इसे लेकर समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी। नेताओं ने केद्र के सत्‍ताधारी गठबंधन राजग, भाजपा तथा प्रधानमंत्री पर कड़ा हमला बोला।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sun, 30 Aug 2015 08:09 AM (IST) Updated:Mon, 31 Aug 2015 06:43 PM (IST)
स्वाभिमान का 'संग्राम' : नामे के खिलाफ बुलंद हुई आवाज

पटना। यह तारीख गांधी मैदान में सिर्फ एक विशाल रैली के लिए याद नहीं की जाएगी। 30 अगस्त, 2015 की चर्चा 'स्वाभिमान रैली' की सियासी मंच सज्जा, शब्द-धार और इससे भी बढ़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट बुलंद आवाज के लिए भी होगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंच पर मौजूदगी बेशक लालू-नीतीश के प्रयासों की उपलब्धि रही।

बहरहाल, सियासी दबाव से उबरने की कोशिश में अति-आक्रामक दिख रहे महागठबंधन नेता कई बार लिहाज की मर्यादा भंग करते भी दिखे। खासकर पत्नी राबड़ी देवी और बेटा-बेटी के साथ मंच से मैदान तक छाए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने जिस तरह खुल्लमखुल्ला 'यादव कार्ड' खेला, वह महागठबंधन के गैर-यादव नेताओं और उनके जनाधार को असहज कर सकता है।

रैली का समापन संबोधन लालू से करवाकर महागठबंधन के रणनीतिकारों ने परोक्ष रूप से स्वीकार किया कि विशाल रैली के असली शोमैन वही हैं। भाषण के दौरान खुद लालू ने भी अपने तेवरों से यही साबित किया।

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बिहार को ललकारने चले थे, घुटने टेक दिए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चले थे बिहार को ललकारने, आज ही उन्हें घुटने टेकने पड़े। नीतीश भूमि अधिग्रहण विधेयक वापस लिए जाने की घोषणा का हवाला दे रहे थे।

प्रधानमंत्री द्वारा अपने डीएनए को खराब कहे जाने से नाराज नीतीश ने कहा कि मोदी ने बिहार को चुनौती दी है। मेरे खून में अहंकार नहीं है, अलबत्ता रग-रग में स्वाभिमान है। भाजपा के दफ्तर में बैठकर मेरी छाती तोडऩे की बात कही जाती है और ऐसा कहने वाले के साथ प्रधानमंत्री 'मेरे प्रिय मित्र' कहकर मुखातिब होते हैं।

क्या यह मंगलराज है? बकौल नीतीश, 14 महीने तक प्रधानमंत्री को बिहार की याद नहीं आई। अब चुनाव नजदीक है तो 1.25 लाख करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें 87 प्रतिशत योजनाएं पुरानी हैं।

मैंने 2.70 लाख करोड़ की योजनाएं बनाई हैं तो कह रहे कि पैसा कहां से आएगा। जब इरादे मजबूत होंगे तो पैसे का भी इंतजाम हो जाएगा। उन्होंने सतर्क किया कि भाजपा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे की कोशिश करेगी। छोटी-छोटी जगहों पर दंगे कराएगी।

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प्रधानमंत्री कर रहे यदुवंशियों को अपमानित

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि जंगलराज की बात कहकर प्रधानमंत्री सीधे यदुवंशियों को अपमानित कर रहे हैं। फिरकापरस्तों को शिकस्त देने के लिए हमने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के वंश में तो कोई मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार ही नहीं है। लगता है कि ये निर्वंश हो गए हैं।

प्रधानमंत्री ने जो जातीय जनगणना की रिपोर्ट छुपा ली है, उसके सामने आने से पूरा मामला सामने आ जाएगा। हमें स्मार्ट सिटी नहीं, स्मार्ट गांव चाहिए। गुजरात की चर्चा करते हुए लालू बोले कि अभी वहां शूट एट साइट चल रहा है।

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दिखावे में प्रधानमंत्री ने काट दिया एक चौथाई समय

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि आज सीमा पर हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री ने मौन का रास्ता अपनाया हुआ है। प्रधानमंत्री बताएं कि उनकी विदेश नीति क्या है?

बकौल सोनिया, बिहार के लोग अपने सम्मान की रक्षा किसी भी कीमत पर करते हैं, लेकिन कुछ लोगों को बिहार को नीचा दिखाने में आनंद आता है। कुछ लोग कभी बिहारी कल्चर का मजाक उड़ाते हैं, कभी बिहार के डीएनए को खराब कहते हैं तो कभी बिहार को बीमारू बताते हैं; लेकिन कांग्रेस ने हमेशा बिहार के लोगों की प्रतिभा का सम्मान किया है। बिहार को और आर्थिक सहयोग चाहिए, यह उसका हक है। किसी की दया उसे नहीं चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादे तो नहीं निभाए, उल्टे विभिन्न योजनाओं में कटौती कर दी। सद्भाव के रास्ते ही बिहार विकास करेगा।

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एक नजर में प्रमुख नेताओं की बातें मेरे साथ लालू प्रसाद को देख भाजपा के नेता बार-बार जंगलराज की बात कर रहे हैं। गरीब-गुरबा जग गया है, इसी कारण ऐसा कह रहे हैं। प्रधानमंत्री अपराध के झूठे आंकड़े पेश कर रहे हैं, हालांकि गुजरात में बिहार से अधिक अपराध हो रहे हैं। - नीतीश कुमारनमो और भाजपा द्वारा ङ्क्षहदू-मुस्लिम दंगे कराए जाते हैं और हम पर जंगलराज का आरोप लगाया जाता है। यह जंगलराज पार्ट-2 नहीं, बल्कि मंडलराज पार्ट-2 है। बिहार में विधानसभा का चुनाव देश की सत्ता बदलने का चुनाव है। यहां अब लड़ाई ही नहीं है, भाजपा तो लड़ाई हार चुकी है। - लालू प्रसादशो-बाजी (दिखावे) में प्रधानमंत्री ने एक चौथाई समय काट दिया, लेकिन एक काम नहीं किया। उनके सारे वादे खोखले साबित हुए। जो 56 इंच का सीना दिखा जनता से वादे किए थे, हम सब उनके खिलाफ एक मंच पर खड़े हैं। भाजपा के झूठे वादों और सांप्रदायिक सोच के खिलाफ हम साथ हुए हैं। - सोनिया गांधीस्वाभिमान रैली : भीड़ से पटीं पटना की सड़कें, देखें तस्वीरें

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