बिहार में सिंगल विंडो सिस्टम से मिलेगा श्रमिक कामगारों को मदद

श्रम संसाधन विभाग सिंगल विंडो सिस्टम को धरातल पर उतारने में जुटा । हर जिले में एक ही जगह कामगारों को सुविधाएं मिलेंगी । मंत्री जीवेश कुमार ने निबंधित श्रमिकों की संख्या 19 लाख से 30 लाख करने का निर्देश दिया । यहां जानिए श्रमिकों के लिए कल्‍याणकारी योजनाएं।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 02:29 PM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 02:29 PM (IST)
बिहार में सिंगल विंडो सिस्टम से मिलेगा श्रमिक कामगारों को मदद
श्रमिकों को एक ही जगह से मिलेंगे कल्‍याणकारी याेजनाएं के लाभ, प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर ।

पटना, दीनानाथ साहनी। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कामगारों को अब दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। कामगारों को सिंगल विंडो सिस्टम से सरकारी लाभ तथा अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। श्रम संसाधन विभाग की ओर से सिंगल विंडो सिस्टम को धरातल पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यह प्रयास भी होगा कि जो मजदूर जिस जिले में हों वहां के मुख्यालय में एक ही जगह उनकी समस्याओं का समाधान भी कर दिया जाए। इसकी माॅनीटरिंग मुख्यालय स्तर पर हर सप्‍ताह होगी।

नए साल में लागू हो जाएगा सिस्‍टम

श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार ने सभी  योजनाओं के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी तरीके से लागू करने की तैयारी करने का निर्देश अफसरों को दिया है। विभाग ने इस पर कार्य आरंभ कर दिया है। नये साल में इस सिस्टम को लागू किया जाएगा। मंत्री जीवेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में निबंधित मजदूरों की संख्या 19 लाख है, जिसे बढ़ाकर 30 लाख करने  का निर्देश अफसरों को दिया गया है।  निबंधित कामगारों की किसी दुर्घटना में मृत्यु होने के बाद चार लाख रुपये मुआवजे दिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा आकस्मिक निधन होने पर एक लाख मुआवजे के अलावा वार्षिक चिकित्सा सहायता मद से प्रति वर्ष  तीन हजार रुपये इलाज के लिए दिया जाता है। किसी कामगार की मृत्यु पर उसके दाह-संस्कार के लिए भी पांच हजार रुपये देने का प्रावधान है। पेंशन योजना के तहत 60 साल की उम्र के बाद निबंधित कामगारों को एक हजार से पांच हजार रुपये तक पेंशन की भी व्यवस्था है। सभी योजनाओं को सिंगल विंडो सिस्टम से कार्यान्वित कराया जाएगा।

प्राइवेट सेक्टर से होगी सेस कर वसूली, तैयार होगा 500 करोड़ का फंड

मंत्री जीवेश कुमार ने बताया कि नये वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्राइवेट सेक्टर से निर्माण कार्य के एवज में सेस कर वसूली का प्रावधान होगा। इससे श्रमिकों के कल्याण के लिए 500 करोड़ रुपये का फंड तैयार होगा। नगर निगम, नगर पंचायत और नगर परिषद में यह प्रावधान किया जाएगा कि जो व्यक्ति मकान का नक्शा पास कराएगा, उसे सेस कर के रूप में निर्माण लागत का एक फीसद सेस कर चुकाना होगा। तभी नक्शा स्वीकृत या पास होगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने और उस पर विचार करने का निर्देश अफसरों को दिया गया है।

प्रमुख योजनाएं :

* बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना-1 लाख रुपये

* बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना-दुर्घटना में मृत्यु होने पर 1 लाख रुपये एवं स्वाभाविक मृत्यु पर 30 हजार रुपये अनुदान

* महिला कामगार मजदूर मातृत्व लाभ योजना-10 हजार रुपये

* दिव्यागंता पेंशन योजना : कार्य स्थल पर स्थायी दिव्यागंता पर कामगार को 75 हजार रुपये की मदद और प्रतिमाह 1 हजार रुपये

* पंजीकृत निर्माण मजदूर मृत्यु योजना : स्वाभाविक मृत्यु पर 1 लाख रुपये एवं दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रुपये की मदद

* विवाह के लिए सहायता योजना : यदि पुरुष या महिला कामगार निबंधित हैं तो उनके दो पुत्रियों के विवाह हेतु 50-50 हजार रुपये की सहायता

* मकान मरम्मत अनुदान योजना : निबंधित मजदूरों को मकान या घर की मरम्मत हेतु 20 हजार रुपये का अनुदान

* साइकिल क्रय योजना : निबंधित मजदूर को साइकिल खरीदने के लिए 3 हजार रुपये की सहायता

* औजार क्रय योजना : इस योजना के तहत कामगार को अधिकतम 15 हजार रुपये की मदद

chat bot
आपका साथी