लोकसभा के चुनावी रण का दूसरा चरण NDA के लिए है चुनौतीपूर्ण, होगा कड़ा मुकाबला

बिहार में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में एनडीए के लिए चुनौतीपूर्ण मुकाबला होने वाला है। पांच सीटों पर जहां जदयू की परीक्षा होगी वहीं महागठबंधन के लिए भी रण आसान नहीं होगा।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Tue, 16 Apr 2019 05:12 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2019 09:02 PM (IST)
लोकसभा के चुनावी रण का दूसरा चरण NDA के लिए है चुनौतीपूर्ण, होगा कड़ा मुकाबला
लोकसभा के चुनावी रण का दूसरा चरण NDA के लिए है चुनौतीपूर्ण, होगा कड़ा मुकाबला

पटना, जेएनएन। पिछले लोकसभा चुनाव 2014 से इस बार के लोकसभा चुनाव में बिहार का राजनीतिक परिदृश्य बिल्कुल बदला हुआ दिखाई दे रहा है। इस लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में राज्य की पांच लोकसभा सीटों के लिए गुरुवार यानी 18 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इस चरण में न केवल राष्ट्रीय जनतािंत्रक गठबंधन एनडीए में फिर से शामिल जदयू की असली परीक्षा होनी है, बल्कि इन सीटों पर एनडीए की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।

बिहार की जिन पांच सीटों -किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, बांका और भागलपुर- के लिए 18 अप्रैल को मतदान होना है, उन सभी सीटों पर पिछले चुनाव में नरेंद्र मोदी की आंधी के बाद भी एनडीए को हार का मुंह देखना पड़ा था। इस बार इन सभी पांच सीटों पर एनडीए की ओर से जदयू के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, तो इस चरण में मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। 

 पिछले चुनाव की बात करें तो जदयू ने पूर्णिया सीट पर कब्जा जमाया था, जबकि भागलपुर और बांका पर राजद को जीत मिली थी और कांग्रेस ने किशनगंज और राकांपा ने कटिहार सीट पर अपना कब्जा जमाया था। 

कटिहार के मौजूदा सांसद तारिक अनवर इस चुनाव में एकबार फिर से मैदान में हैं, लेकिन इस वह राकांपा नहीं, बल्कि कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। अनवर कुछ महीने पहले राकांपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके अलावा पूर्णिया और किशनगंज सीटों पर भी कांग्रेस के प्रत्याशी राजग को टक्कर दे रहे हैं।

बाकी दो सीटों भागलपुर और बांका राजद के हिस्से गई है और राजद ने भागलपुर से मौजूदा सांसद बुलो मंडल को और बांका से जयप्रकाश नारायण यादव को मैदान में उतारा है।

मुस्लिम बहुल किशनगंज से कांग्रेस ने इस चुनाव में मोहम्मद जावेद को मैदान में उतारा है, जबकि जदयू ने सैयद महमूद अशरफ पर दांव लगाया है। 70 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच माना जा रहा है, लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लमीन (एमआईएम) ने अख्तरुल ईमान को अपना उम्मीदवार बनाकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।

बांका से राजद के जयप्रकाश नारायण और जदयू के गिरिधारी यादव के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है, परंतु यहां भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज पुतुल कुमारी ने चुनाव मैदान में उतरकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

भागलपुर में भी राजद के मौजूदा सांसद बुलो मंडल और जदयू के उम्मीदवार अजय मंडल आमने-सामने हैं। जबकि कटिहार में जदयू के दुलालचंद गोस्वामी का मुकाबला पांच बार सांसद रह चुके कांग्रेस के तारिक अनवर से है। तो वहीं पूर्णिया में भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में आए उदय सिंह का मुकाबला जदयू के संतोष कुशवाहा से है। 

बहरहाल, राजग और विपक्षी दलों के महागठबंधन के प्रत्याशियों से लेकर स्टार प्रचारक मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे थे। स्टार प्रचारक लगातार इन क्षेत्रों में मतदाताओं को रिझाने में जुटे हुए थे और अब चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है । 

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