दानापुर रेलवे स्टेशन में RRI का काम पूरा, ट्रेनों का परिचालन शुरू Patna News
दानापुर स्टेशन से रूट-रिले-इंटरलॉकिंग कार्य पूरा हो होने के बाद अब ट्रेनें पहले की तरफ गुजरने लगी हैं। अब यहां से आधुनिक आरआरआइ सिस्टम के तहत ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
पटना, जेएनएन। दानापुर स्टेशन से अब ट्रेनें निर्बाध गुजरने लगी हैं। रूट-रिले-इंटरलॉकिंग (आरआरआइ) का काम पूरा होने के बाद पहली ट्रेन के रूप में राजेंद्रनगर नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को गुजारा गया। पहले ट्रेनें पुरानी परंपरागत यात्रिकी इंटरलॉकिंग से चलाई जा रही थी अब आधुनिक आरआरआइ सिस्टम से ट्रेनों का परिचालन होने लगा है।
इस संबंध में पूर्व-मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि छह माह पूर्व से ही योजना बनाकर क्रमवार जमीनी कार्य करते हुए दानापुर यार्ड में आरआरआइ की स्थापना के लिए 28 मई से कार्य प्रारंभ किया गया था। कार्य के लिए 2000-2001 में ही पांच करोड़ रुपये मंजूर हुए थे। 17 वर्ष बाद 50 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए तथा रूट-रिले-इंटरलॉकिंग सिस्टम का काम शुरू किया गया। साढ़े पांच किमी लंबे इस कार्य में कुल 1200 किलोमीटर केबल का उपयोग किया गया है।
28 मई से 17 जून तक मूल रूप से कनेक्टिंग केबल को जोड़ना, कई प्वाइंट्स का निर्माण एवं पटरियों से केबल की कनेक्टिविटी, सभी बिछाई गई कनेक्टिंग केबल को जोड़ना एवं प्वाइंट्स को जोड़ने के साथ-साथ जमीनी कार्य करते हुए यात्रिक रूप से लीवर खींचकर पटरियों को बदलने के स्थान पर मोटर ऑपरेटेड रूट रिले इंटरलॉकिंग द्वारा पटरियों को जोड़ दिया गया है। विदित हो कि यात्रिकी इंटरलॉकिंग में रेलकर्मी द्वारा एक केबिन से लीवर खींच कर ट्रेन के परिचालन हेतु अधिकतम 150 मीटर की दूरी से ही मार्ग बनाया जाता था इसमें मानवीय भूल की संभावना बनी रहती थी। आरआरआइ कार्य के पूर्ण होने से दानापुर स्टेशन यार्ड में एक ट्रेन के आगमन एवं प्रस्थान हेतु बनाए गए छह यात्रिक इंटरलॉकिंग केबिन बंद कर दिए गए। आरआरआइ के लिए 125 प्वाइंट्स पर मोटर लगाए गए हैं।
इस संबंध में पूर्व-मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि छह माह पूर्व से ही योजना बनाकर क्रमवार जमीनी कार्य करते हुए दानापुर यार्ड में आरआरआइ की स्थापना के लिए 28 मई से कार्य प्रारंभ किया गया था। कार्य के लिए 2000-2001 में ही पांच करोड़ रुपये मंजूर हुए थे। 17 वर्ष बाद 50 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए तथा रूट-रिले-इंटरलॉकिंग सिस्टम का काम शुरू किया गया। साढ़े पांच किमी लंबे इस कार्य में कुल 1200 किलोमीटर केबल का उपयोग किया गया है।
28 मई से 17 जून तक मूल रूप से कनेक्टिंग केबल को जोड़ना, कई प्वाइंट्स का निर्माण एवं पटरियों से केबल की कनेक्टिविटी, सभी बिछाई गई कनेक्टिंग केबल को जोड़ना एवं प्वाइंट्स को जोड़ने के साथ-साथ जमीनी कार्य करते हुए यात्रिक रूप से लीवर खींचकर पटरियों को बदलने के स्थान पर मोटर ऑपरेटेड रूट रिले इंटरलॉकिंग द्वारा पटरियों को जोड़ दिया गया है। विदित हो कि यात्रिकी इंटरलॉकिंग में रेलकर्मी द्वारा एक केबिन से लीवर खींच कर ट्रेन के परिचालन हेतु अधिकतम 150 मीटर की दूरी से ही मार्ग बनाया जाता था इसमें मानवीय भूल की संभावना बनी रहती थी। आरआरआइ कार्य के पूर्ण होने से दानापुर स्टेशन यार्ड में एक ट्रेन के आगमन एवं प्रस्थान हेतु बनाए गए छह यात्रिक इंटरलॉकिंग केबिन बंद कर दिए गए। आरआरआइ के लिए 125 प्वाइंट्स पर मोटर लगाए गए हैं।
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