NTPC की बिहार की दो इकाइयों से रिकार्ड उत्पादन, बिहार को मिलेगी सस्ती बिजली

बिहार के बाढ़ स्थि‍त एनटीपीसी ने बिजली का रिकार्ड उत्‍पादन किया है। इससे उपभोक्‍ताओं को सस्‍ती बिजली मिल सकेगी।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Thu, 29 Mar 2018 12:56 PM (IST) Updated:Thu, 29 Mar 2018 09:32 PM (IST)
NTPC की बिहार की दो इकाइयों से रिकार्ड उत्पादन, बिहार को मिलेगी सस्ती बिजली
NTPC की बिहार की दो इकाइयों से रिकार्ड उत्पादन, बिहार को मिलेगी सस्ती बिजली

पटना [राज्य ब्यूरो]। एनटीपीसी के बिहार स्थित दो बिजली घरों ने चालू वित्तीय वर्ष में बिजली का रिकार्ड उत्पादन किया है। साथ ही कोयला एवं जल प्रबंधन के जरिए उत्पादन लागत में भी कमी आई है। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिल सकेगी।

एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (पूर्व-1) एमपी सिन्हा ने बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान बताया कि बिहार में बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। एनटीपीसी का प्रयास है कि बिहार को बिजली की कमी नहीं होने दी जाएगी। अभी बिहार की पीक डिमांड लगभग 45 सौ मेगावाट के आसपास है। एनटीसीपी उत्पादन में वृद्धि करके औसत सप्लाई बढ़ाने का प्रयास कर रही है।

बाढ़ थर्मल पावर के स्टेज-1 की तीनों इकाइयों को भी दो साल के अंत तक चालू कर दिया जाएगा। इसी तरह नबीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी की 660 मेगावाट की पहली इकाई से उत्पादन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इससे सितंबर से व्यावसायिक उत्पादन होने लगेगा। दूसरी इकाई से अगले साल मार्च में और तीसरी से अगले साल सितंबर में व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने लगेगा। नबीनगर प्रोजेक्ट के विस्तार की कवायद भी चल रही है। उसकी फीजिबिलटी रिपोर्ट तैयार है और जमीन भी उपलब्ध है। बहुत जल्द आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

सिन्हा ने बताया कि एनटीपीसी के पूर्वी क्षेत्र के बिजली घरों बाढ़ एवं कहलगांव ने चालू वित्तीय वर्ष में अभी तक 38438 मिलियन यूनिट बिजली का रिकार्ड उत्पादन किया। पिछले साल की तुलना में यह 4.57 फीसद अधिक है। इसमें भी बाढ़ प्लांट ने 21.80 फीसद अधिक उत्पादन कर कीर्तिमान बनाया। खास यह कि कोल प्रबंधन एवं अन्य उपायों से उत्पादन लागत में कमी भी आई।

बिजली उत्पादन में भी बेहतर प्रदर्शन रहा है। बाढ़ यूनिट संख्या चार से लगातार उत्पादन हो रहा है। बिना बाधा के 162 दिन लगातार उत्पादन का रिकार्ड बनाया है। दोनों बिजली घरों ने जल प्रबंधन भी बेहतर किया है। लक्ष्य था प्रति 3.5 लीटर पानी में एक किलोवाट घंटा उत्पादन का, जिसे कम करते हुए 2.66 लीटर पानी की उपलब्धि हासिल की है।

एमपी सिन्हा ने बताया कि कांटी और बरौनी बिजली घरों के अधिग्र्रहण की प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है जल्द ही इसे कैबिनेट से मंजूरी भी मिल जाएगी। सस्ती बिजली के विकल्पों के बारे में सिन्हा ने बताया कि बाढ़ थर्मल की बिजली की लागत पहले पांच रुपये से भी अधिक होती थी, किंतु अब इसे 4.10 रुपये के स्तर पर ला दिया गया है। इसे भी कम करने की कोशिश की जा रही है।

सिन्हा ने बताया कि नई बनी बिजली इकाइयों में इस वर्ष कांटी स्टेज-2 की यूनिट तीन से 18 मार्च और चार से एक जुलाई से 195-195 मेगावाट बिजली उत्पादन की जा रही है। औरंगाबाद स्थित भारतीय रेल बिजली निगम की पहली एवं दूसरी इकाई से 250-250 मेगावाट उत्पादन जारी है। इस दौरान महाप्रबंधक वीएम प्रसाद, ए बंदोपाध्याय, विश्वनाथ साहा, राकेश प्रसाद, विनय कुमार शर्मा, एके तिवारी एवं प्रबंधक (जनसंपर्क) विश्वनाथ चंदन मौजूद थे।

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