AES का कहर: दवाएं हुईं बेअसर तो अब दुआओं का सहारा, अस्‍पताल में ही हवन-पूजा का दौर शुरू

बिहार में एईएस से लगातार मौत के बीच अब लोग भगवान की शरण में भी जाने लगे हैं। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच (अस्‍पताल) में इलाज के साथ हवन-पूजा का भी दौर चल पड़ा है। जानिए मामला।

By Amit AlokEdited By: Publish:Wed, 19 Jun 2019 12:12 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jun 2019 11:05 PM (IST)
AES का कहर: दवाएं हुईं बेअसर तो अब दुआओं का सहारा, अस्‍पताल में ही हवन-पूजा का दौर शुरू
AES का कहर: दवाएं हुईं बेअसर तो अब दुआओं का सहारा, अस्‍पताल में ही हवन-पूजा का दौर शुरू

पटना [जेएनएन]। बिहार में इंसेफेलाइटिस (AES) से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुजफ्फरपुर स्थित उत्‍तर बिहार के सबसे बड़े अस्‍पताल श्रीकृष्‍ण मेडिकल कॉलेज व अस्‍पताल (SKMCH) में एईएस से सर्वाधिक बच्‍चों की मौत हुई है। वहां अभी भी सर्वाधिक मरीज भर्ती हैं। जिंदगी के लिए मौत से जंग में दवाओं को बेअसर होते देख लोग अब दुआओं का भी सहारा ले रहे हैं। एसकेएमसीएच में बच्चों की सलामती के लिए अब पूजा व हवन का आयोजन किया गया है।

अस्‍पताल में चल रहा हवन-पूजन

मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच परिसर स्थित मंदिर में लोग एईएस से बीमार बच्चों के स्‍वस्‍थ्‍स होने की कामना के साथ पूजा व हवन कर रहे हैं। पूजा के आयोजकों का कहना है कि वे भगवान से बारिश के लिए भी दुआएं कर रहे हैं। बारिश के साथ जब तापमान गिरेगा तो मौत का सिलसिला थम जाएगा। हर साल बारिश के साथ एईस का प्रकोप थमता रहा है।

अब तक 143 बच्‍चों की मौत, 500 बीमार

विदित हो कि बिहार में एईएस से अब तक 143 बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि बीमार बचचों की संख्‍या पांच सौ के पार चला गया है। केवल मुजफ्फरपुर के दो अस्पतालों (एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्‍पताल) में 113 बच्चों की मौत हो चुकी है।  एसकेएमसीएच के अधीक्षक के अनुसार बुधवार कोभी कई मरीज भर्ती किए गए हैं।

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