Bengal Election: ममता ने बिहारियों को कहा गुंडा तो तेजस्वी चुप, राजनीति गरमाई तो लालू भी आए याद

West Bengal Assembly Election 2021 बंगाल की मुख्‍यमंत्री व टीएमसी अध्‍यक्ष ममता बनर्जी ने बिहारियों के लिए गुंडा के विशेषण का इस्‍तेमाल क्‍या किया बिहार में राजनीति गरमा गई है। इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव की चुप्‍पी के साथ लालू प्रसाद यादव भी याद आ गए हैं।

By Amit AlokEdited By: Publish:Fri, 02 Apr 2021 07:32 PM (IST) Updated:Sat, 03 Apr 2021 07:01 PM (IST)
Bengal Election: ममता ने बिहारियों को कहा गुंडा तो तेजस्वी चुप, राजनीति गरमाई तो लालू भी आए याद
ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव एवं तेजस्‍वी यादव। फाइल तस्‍वीरें।

पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। West Bengal Assembly Election 2021 पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) 'बाहरी गुंडों' को बुलाने का मुद्दा उठा रहीं हैं। नंदीग्राम (Nandigram) में बंगाल में बिहार (Bihar) और उत्‍तर प्रदेश (UP) से आए गुंडों द्वारा गड़बड़ी की कोशिश वाले उनके विवादित बयान पर बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) चुप हैं। इससे बिहार में भी सियासत गरमा (Politics Heats-up) गई है। विदित हो कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस (TMC) के साथ है। तेजस्‍वी की सियासी मजबूरियां अपनी जगह, लेकिन इस मामले ने उनके पिता व आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की भी याद दिला दी है, जो अपने सक्रिय राजनीति के दौर में बिहारियों के अपमान पर ठाकरे परिवार तक को महाराष्‍ट्र का घुसपैठिया बता विरोध जता चुके हैं।

आरजेडी ने तृणमूल कांग्रेस को बिना शर्त दिया समर्थन

विदित हो कि पश्चिम बंगाल के विघानसभा चुनाव में आरजेडी ने तृणमूल कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया है। आरजेडी वहां चुनाव नहीं लड़ रहा, लेकिन ममता बनर्जी के साथ है। बंगाल के आसनसोल, हावड़ा, वर्धमान समेत बंगाल-बिहार की सीमा पर स्थित बंगाल के इलाकों में बड़ी संख्‍या में बिहार के लोग रहते हैं। वे वहां बड़ा वोट बैंक हैं। ऐसे में ममता बनर्जी का बिहारियों के लिए गुंडा के विशेषण का प्रयोग और तेजस्वी यादव की इसपर चुप्पी हैरान करने वाली है।

उपमुख्‍यमंत्री रहते राज ठाकरे के खिलाफ दिया था बयान

ये वही तेजस्‍वी हैं, जिन्‍होंने 2016 में महागठबंधन (Mahagathbandhan) की सरकार में उपमुख्‍यमंत्री रहते हुए महाराष्ट्र में गैर मराठियों के ऑटो रिक्शा जला देने के फरमान का विरोध किया था। तब उन्होंने राज ठाकरे के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि महाराष्ट्र और देश किसी के बाप की जागीर नहीं है कि जो वे कहेंगे वही होगा। लेकिन इस बार तेजस्‍वी की खामोशी के कारण बिहार में राजनीति गरमा गई है।

बीतेपी बोली: तेजस्‍वी की खामोशी से बिहारियों को आघात

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा है कि अब तेजस्वी को बिहार को बदनाम करने वाले राजनेताओं के अपने साथ से शर्म नहीं आती है। उनके लिए बिहार की प्रतिष्ठा मायने नहीं रखती है। बीजेपी नेता व पूर्व सांसद आरके सिन्हा कहते है कि ममता बनर्जी क्षेत्र और प्रांत के नाम पर वैमनस्य फैला रहीं हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा। ममता बिहार का लगातार अपमान कर रहीं हैं, बिहारियों को गुंडा कह रहीं हैं; लेकिन तेजस्वी यादव चुप हैं। इससे बिहारी जनमानस को आघात लग रहा है।

याद आए बिहारी अस्मिता के लिए आवाज उठाने वाले लालू

तेजस्‍वी यादव की बंगाल के बिहारियों को लेकर चुप्‍पी सवाल खड़े कर रही है। इसने लालू प्रसाद यादव की भी याद दिला दी है, जो बिहारी अस्मिता की रक्षा के लिए खड़े हो जाते थे। नवंबर 2008 में जब राज ठाकरे ने बिहारियों को महाराष्ट्र से भगाने की बात कही, तब लालू यादव ने विरोध किया था। उन्‍होंने राज ठाकरे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मां की थी। इसी तरह साल 2012 में जब राज ठाकरे ने बिहारियों का विरोध किया था, तब लालू प्रसाद यादव ने ठाकरे परिवार को ही महाराष्ट्र में घुसपैठिया करार दिया था। तब लालू ने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के दावे का हवाला देते हुए कहा था कि बाला साहेब ठाकरे का परिवार बिहार से पहले मध्य प्रदेश, फिर वहां से महाराष्ट्र गया था।

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