पार्षद के भाई की हत्या में मिला क्लू, शीघ्र उदभेदन

चौक थाना से 500 मीटर की दूरी पर हाजीगंज में पांच अक्टूबर को दिनदहाड़े हुई थी हत्या

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Oct 2020 06:41 AM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 06:41 AM (IST)
पार्षद के भाई की हत्या में मिला क्लू, शीघ्र उदभेदन
पार्षद के भाई की हत्या में मिला क्लू, शीघ्र उदभेदन

पटना सिटी। चौक थाना से 500 मीटर की दूरी पर हाजीगंज में पांच अक्टूबर को दिनदहाड़े अशोक राजपथ पर वार्ड-67 के पार्षद मनोज कुमार उर्फ मुन्ना जायसवाल के व्यवसायी भाई रणधीर जायसवाल उर्फ कल्लू हत्याकांड में पुलिस को 10वें दिन क्लू मिला है। दो संदिग्धों से पूछताछ जारी है। पूर्वी एसपी जितेंद्र कुमार ने बुधवार को बताया कि शीघ्र ही कांड का उद्भेदन होगा।

व्यवसायी की हत्या के बाद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर लाइनर व शूटरों की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। हत्या के बाद पुलिस ने रुपये लेनदेन करने वालों के संबंध में जानकारी जुटाकर एक दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की। घटना के समय मोबाइल लोकेशन के संबंध में पुलिस छानबीन करने में जुटी है। आधा दर्जन संदिग्ध मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस लाइनर तथा शूटरों तक पहुंचने को प्रयास में जुटी है।

पत्नी ज्योति जायसवाल द्वारा प्राथमिकी में लेनदेन विवाद बताए जाने के बाद पुलिस मोर्चा रोड तथा किला रोड में छापेमारी करती रही। चौक पुलिस ने जेल में बंद अपराधियों के संबंध में भी छानबीन की। पुलिस का कहना है कि हत्याकांड में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने बाइक सवार शूटरों की भी पहचान कर लिया है। विशेष टीम छापेमारी कर लाइनर, शूटर तथा हत्या की साजिश रचने वालों की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी कर रही है। पुलिस सूत्रों की माने तो हत्याकांड को अंजाम देने वाले स्थानीय हैं।

- भाई बोले- भलाई करने में ही गई होगी जान

वार्ड 67 के पार्षद मनोज कुमार उर्फ मुन्ना जायसवाल ने बुधवार को बताया कि छोटा भाई रणधीर जायसवाल उर्फ कल्लू जीवनपर्यंत दूसरों की भलाई करता रहा। दर्जनों बेरोजगारों को रुपये उधार देकर उन्हें रोजगार दिलाया था। व्यापार स्थापित होने के बाद वे रुपये लौटाने को कहते थे। जमीन कारोबार में भी भाई ने लोगों की मदद की है। भाई को पूरी आशंका है कि भलाई करने में ही भाई की जान गई होगी। बुधवार को कंगन घाट पर दशकर्म में पहुंची मृतक व्यवसायी की पत्नी ज्योति बार-बार बेहोश हो रही थी। स्वजनों ने उन्हें संभाला।

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