Mai Bhi Chowkidar: PM मोदी से बिहार के लोगों ने की बात, पूछा चौकीदारी के बारे में

पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार की शाम मैं भी चौकीदार कार्यक्रम को संबोधित किया। इस क्रम में उन्‍होंने बिहार के लोगों से बात की। नालंदा के लोगों ने उनसे चौकीदारी के बारे में जाना

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Sun, 31 Mar 2019 06:47 PM (IST) Updated:Sun, 31 Mar 2019 10:26 PM (IST)
Mai Bhi Chowkidar: PM मोदी से बिहार के लोगों ने की बात, पूछा चौकीदारी के बारे में
Mai Bhi Chowkidar: PM मोदी से बिहार के लोगों ने की बात, पूछा चौकीदारी के बारे में

पटना, जेएनएन।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार की शाम 'मैं भी चौकीदार' कार्यक्रम को संबोधित किया। वे दिल्‍ली के तालकटोरा स्‍टेडियम से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से देश के 500 स्‍थानों पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। पीएम मोदी 500 केंद्राें से सीधे जुड़ रहे और उनके सवालों का जवाब दिया। इसी कड़ी में उन्‍होंने बिहार के लोगों से बात की। बिहार के नालंदा में इसके लिए कैंप लगाकर समर्थक उनसे से सीधे जुड़ हुए थे।

इसी क्रम में नालंदा के डाॅक्‍टर आशुतोष कुमार से उन्‍होंने बात कीा उनके सवालों को पीएम मोदी ने शानदार तरीके से जवाब दिया। आशुतोष ने दो सवाल उनसे किए। उन्‍होंने पहला सवाल पूछा कि विपक्षियों को चौकीदार शब्‍द से चिढ़ क्‍यों है और आपकी चौकीदारी नापसंद क्‍यों करते हैं? इसके पहले उन्‍होंने कहा कि मुझे लगा कि चौकीदार शब्‍द केवल चौकीदार भाइयों के लिए है, लेकिन बाद में अहसास हुआ कि नहीं, यह शब्‍द देश के तमाम लोगों के लिए है। 

नालंदा के आशुतोष कुमार का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह तो स्‍वाभाविक है कि कुछ लोग यह मानकर बैठे थे कि यह सरकार व राजघराना उनकी पैतृक संपत्ति है। पीढ़ी दर पीढ़ी उनकी कमाई सिर्फ उन्‍हीं लोगों को मिलनी चाहिए, लेकिन मेरे आने के बाद सब बंंद हो गया। विरोधियों ने सोचा कि मैं तो चाय वाला हूं, लेकिन उन्‍होंने कल्‍पना नहीं की थी कि उनके भ्रष्‍टाचार पर रोक लग जाएगी। यह चाय वाला कार्रवाई करेगा। 

उन्‍होेंने कहा कि देश में दो प्रधानमंत्री ऐसे बने, जो कांग्रेस के गोत्र के नहीं थे, जिनसे अब विपक्ष को कठिनाई हो रही है। हमने जब जांच कराई तो कई बातें सामने आईं। हमारे पास 8 करोड़ ऐसे नाम आए जो कभी धरती पर थे ही नहीं। बच्‍चा जन्‍म लिया नहीं आैर उसके नाम पर योजनाओं के लाभ लिये जा रहे थे। वैसे नामों पर एक लाख करोड़ की चोरी हो रही थी। इस पर अब रोक लग गई है। इससे वैसे लोगों को तो दुख होगा ही। हमने डीबीटी सिस्‍टम लागू किया। यानी डायरेक्‍ट बेनिफिसरी ट्रांसफर। यह डीबीटी पहले भी लागू था, लेकिन विपक्ष इसे डायरेक्‍ट बिचौलिया ट्रांसफर का रूप दिए हुूए था। 

chat bot
आपका साथी