Patna Lockdown सामुदायिक किचन में रोज बन रहा 700 लोगों का खाना, भूखों को भेजा जा रहा पैकेट

पटना में लॉकडाउन के दौरान गरीबों मजदूरों बेसहारों और परदेसियों के ठौर-ठिकाने से लेकर भोजन नाश्ता तक का पूरा इंतजाम किया गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 30 Mar 2020 07:59 AM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2020 07:59 AM (IST)
Patna Lockdown सामुदायिक किचन में रोज बन रहा 700 लोगों का खाना, भूखों को भेजा जा रहा पैकेट
Patna Lockdown सामुदायिक किचन में रोज बन रहा 700 लोगों का खाना, भूखों को भेजा जा रहा पैकेट
श्रवण कुमार, पटना। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन में गरीबों, मजदूरों, बेसहारों और पटना में फंसे हुए परदेसियों के ठौर-ठिकाने से लेकर भोजन नाश्ता तक का पूरा इंतजाम है। गर्दनीबाग स्थित पटना हाईस्कूल में प्रतिदिन लगभग सात सौ लोगों का खाना बनाया जा रहा है। यहां आने वाले हर जरूरतमंद को तो भोजन कराया जा रहा है। कामर्स कॉलेज, मिलर स्कूल, पटना जंक्शन सहित सड़क किनारे हर भूखे को खिलाने के लिए पैकेट बनाकर भेजा जा रहा है। पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में यह कहा।

भूख से लड़ने वालों के साथ है प्रशासन

डीएम ने कहा कि टीम पूरी मुस्तैदी से कोरोना से लड़ने के साथ ही भूख से लड़ने वालों के साथ खड़ी है। इस व्यवस्था के बाद भी अगर किसी को कहीं कोई भूखा दिखता है, तो वह प्रशासन को सूचना दे। प्रशासन तत्पर है कि किसी को भूखा रहने नहीं दिया जाएगा। अपील है कि बेवजह का सेंसेशन पैदा करने की कोशिश नहीं की जाए। जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया गया कि पटना हाई स्कूल, कामर्स कॉलेज, मिलर स्कूल और बांकीपुर गर्ल्स स्कूल के कमरों में बेसहारा लोगों को ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पटना हाईस्कूल के सामुदायिक किचन से खाना बनाकर यहां ठहरने वालों को खाना खिलाया जाना है। डीएम ने रविवार को खुद भी सामुदायिक किचन, आपदा राहत केंद्रों और रैन बसेरों का जायजा लिया। उनके साथ पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा भी थे।

भोजन का पैकेट की भी व्यवस्था

आपदा राहत केंद्र की व्यवस्था की कमान संभाले प्रखंड विकास पदाधिकारी रंजीत कुमार वर्मा ने बताया कि अभी प्रतिदिन लगभग सात सौ लोगों का भोजन सामुदायिक किचन में तैयार किया जा रहा है। यहां से पैकेट तैयार कर टीम के साथ विभिन्न जगहों पर भेजा जाता है । कामर्स कॉलेज में आकर लोग खाने का पैकेट लेते हैं। वहां ठहरने की भी व्यवस्था है, पर लोग खाने का पैकेट लेकर चले जाते हैं। पटना जंक्शन इलाके में जहां-तहां पड़े लोगों को राहत केंद्र चलने के लिए कहा जाता है। नहीं मानने पर भोजन का पैकेट दे दिया जाता है। नगर निगम के रैन बसेरों में भी भोजन बांटा जा रहा है। प्रशासन अपने स्तर से पूरी कोशिश कर रहा है कि कोई एक दिन भी भूखा नहीं रहे।

ग्राहकों राशन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही

पटना में जन वितरण प्रणाली की दुकानों से भी कार्ड धारकों को राशन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। मार्च माह का राशन सभी पीडीएस दुकानदारों को उपलब्ध कराया जा चुका है। दुकानों से कार्डधारी राशन ले भी रहे हैं। शीघ्र ही राज्य और केंद्र द्वारा घोषित किए गए राहत पैकेज के तहत मिलने वाले खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति कराने की भी प्रक्रिया प्रारंभ करा दी जाएगी। पटना में राशन की कोई किल्लत नहीं है। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के गोदाम गेहूं से भरे हुए हैं। साढ़े पांच लाख मीट्रिक टन गेहूं गोदाम में हैं। आटा मिलों को सरकारी दर पर गेहूं देने की व्यवस्था की जा रही है, ताकि ग्राहकों को कम कीमत पर आटा की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
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