बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की कुर्सी पर संकट! पटना हाईकोर्ट में 19 जुलाई को मामले की सुनवाई

वकील ने कोर्ट को बताया कि 16 नवंबर 2020 को विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं होने के बावजूद वे अवैध रूप से मंत्री बने। याचिकाकर्ता ने बताया कि 17 मार्च 2021 को उन्हें विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 11:28 AM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 11:28 AM (IST)
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की कुर्सी पर संकट! पटना हाईकोर्ट में 19 जुलाई को मामले की सुनवाई
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। पटना हाई कोर्ट ने भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी के मंत्री पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को 19 जुलाई को सुनवाई के लिए रखा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि भारतीय संविधान की धारा 163 (1) के तहत मंत्री अशोक चौधरी की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। उन्होंने बताया कि अशोक चौधरी को मंत्री के रूप में नियमों के विरुद्ध छह मई, 2020 से पांच नवंबर, 2020 तक कार्य करने दिया गया, जबकि विधान परिषद के सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल छह मई, 2020 को ही समाप्त हो गया था, जिसके बाद उन्होंने चुनाव भी नहीं लड़ा।

महाधिवक्‍ता के अनुरोध पर मिला एक हफ्ते का वक्‍त

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि 16 नवंबर 2020 को विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं होने के बावजूद वे अवैध रूप से मंत्री बने। याचिकाकर्ता ने बताया कि 17 मार्च 2021 को उन्हें विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया। इस तरह छह मई, 2020 से पांच नवंबर, 2020 तक उनके मंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है। 16 नवंबर, 2020 को मंत्री पद पर नियुक्ति व राज्यपाल कोटे से विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया जाना संविधान के नियमों के विरूद्ध है। मामले पर महाधिवक्ता ललित किशोर के अनुरोध किया कि उक्त याचिका की सुनवाई के लिए एक सप्ताह बाद रखा जाए।

chat bot
आपका साथी