पटना में जलजवाव पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा- 6 जुलाई तक पेश करें कार्रवाई की रिपोर्ट
बिहार की राजधानी पटना में कुछ घंटे की बारिश से ही जलजमाव होने पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अदालत में छह जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
पटना, जेएनएन। सरकारी दावों के बावजूद पटना में कुछ घंटे की बारिश से ही जलजमाव होने पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अदालत में छह जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने पिछले साल जल-जमाव के बाद समस्या के निराकरण के लिए पटना में चलाए गए कार्यक्रमों की जानकारी भी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि अभियान कितना सफल रहा, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है। इस मसले को लेकर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की दो सदस्यीय खंडपीठ ने पीआइएल फोरम की लोकहित याचिका पर विडियो कांफ्रेंसिंग से शुक्रवार को सुनवाई की।
वादों के बाद भी जल-जमाव की समस्या पूर्ववत बनी
याचिकाकर्ता के वकील शशि भूषण कुमार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के दावों और वादों के बाद भी जल-जमाव की समस्या पूर्ववत बनी हुई है। बरसात के मौसम में और भी गंभीर समस्या उत्पन्न होने वाली है। याचिकाकर्ता ने अदालत को इस बात की भी जानकारी दी कि 1996 में पटना में भयंकर जल- जमाव की समस्या उत्पन्न हो गई थी। इसको लेकर अधिवक्ता श्याम किशोर शर्मा ने लोकहित याचिका दायर की थी।
अनके इलाकों में बनी है जलजमाव की स्थिति
याचिका पर भी लंबे समय तक पटना हाईकोर्ट में सुनवाई की थी। उस समय राज्य सरकार ने भरोसा दिया था कि इस समस्या को जड़ से समाप्त कराई जाएगी, लेकिन स्थिति पूर्ववत ही बनी हुई है। अधिवक्ता कुमार ने कहा कि आज भी पटना के हर क्षेत्र में वर्षा ऋतु के शुरुआती दौर में जल- जमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है। जल निकासी की कोई भी व्यवस्था कारगर नहीं हो पाई है। उदाहरण के तौर पर बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी, राजेंद्र नगर, कांकड़बाग, हनुमान नगर, कृष्णापुरी, राजीव नगर सहित अनेक इलाके में जल-जमाव की स्थिति बनी हुई है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने जल-जमाव से निराकरण के लिए कोई मुहिम चलाया है तो 6 जुलाई तक इसकी जानकारी दी जाए।