छह दिन परिवार को, एक दिन शहर को

पटना स्मार्ट सिटी कैसे बने, इसके लिए सुझावों-नसीहतों का क्रम जारी है।

By Edited By: Publish:Fri, 30 Sep 2016 01:37 AM (IST) Updated:Fri, 30 Sep 2016 01:37 AM (IST)
छह दिन परिवार को, एक दिन शहर को

पटना। पटना स्मार्ट सिटी कैसे बने, इसके लिए सुझावों-नसीहतों का क्रम जारी है। दैनिक जागरण के फेसबुक पेज पर लोगों ने जो सुझाव दिए हैं, उससे साफ है कि उनकी नजर में केवल नाला, सड़क और ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ करने भर से काम नहीं चलेगा। इसके लिए लोगों को अपनी आदत बदलनी होगी, शहर के बारे में सोचना होगा।

अभिषेक कुमार श्रीवास्तव का पटना वासियों को सुझाव हैं कि सप्ताह में एक दिन समाज और शहर के लिए दें। कहते हैं-छह दिन अपना और परिवार का, एक दिन शहर और समाज का। इससे पटना को स्मार्ट बनाने में मदद मिलेगी। उनका आग्रह है कि सभी लोग कुछ घंटे शहर की बेहतरी के लिए दें। इसी से पटना स्मार्ट होगा।

अंतरा रॉय ने पटना की वर्तमान हालत पर अपनी पीड़ा फेसबुक पर साझा की है। कहती हैं- पटना ऐसा शहर है जिसे लोगों ने अपने-अपने हिसाब से डंपिंग जोन बना रखा है। सिर्फ कूड़ा-कचरा, गंदगी साफ कर देने से पटना स्मार्ट नहीं बन सकता। यहां के नागरिकों को एक्टिव होना पड़ेगा। बात रही समस्याओं की तो पटना इस मामले में टॉप पर है। सड़कें इतनी संकरी हो गई हैं कि कोई बस आ जाए तो दो-तीन घंटे फंसे रहिए।

वे लैंगिक भेदभाव से भी खिन्न हैं। कहती हैं-सड़कों पर चलती लड़कियों पर छींटाकशी, छेड़खानी के मामले में पटना का जवाब नहीं। यहां के लोगों में लड़कियों के प्रति आदर का भाव नहीं है। ऐसे में हम स्मार्ट कैसे होंगे? वे कहती हैं कि केवल सड़क, ट्रैफिक पर काम करने से नहीं होगा। हमें अपना नजरिया भी बदलना होगा। ऋषिकेश नारायण सिंह कहते हैं कि स्मार्ट सिटी पटना तभी होगा जब लोग स्मार्ट होंगे। उधर गौरव शर्मा की नजर में पटना स्मार्ट सिटी तभी होगी जब लोग सपोर्टिव होंगे।

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