मौलाना आजाद राष्ट्रीय फेलोशिप में बढ़ेगी प्रदेश के अल्पसंख्यक युवाओं की भागीदारी

पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने बिहार अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को पत्र लिखकर बिहार के अल्पसंख्यक वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों की इस फेलोशिप में भागीदारी बढ़ाने का निर्देश दिया है। इसके बाद विभाग ने सभी जिलों से आवेदन मांगा ।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 04:47 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 04:47 PM (IST)
मौलाना आजाद राष्ट्रीय फेलोशिप में बढ़ेगी प्रदेश के अल्पसंख्यक युवाओं की भागीदारी
इस शैक्षणिक सत्र में मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप में भागीदारी बढ़ाने के निर्देश , सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । चालू शैक्षणिक सत्र में अल्पसंख्यक वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों की भागीदारी मौलाना आजाद राष्ट्रीय फेलोशिप में बढ़ायी जाएगी। इसके लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सभी जिलों को निर्देश जारी कर योग्य विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़ाने का निर्देश दिया है। पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को पत्र लिखकर इस स्कीम में बिहार से विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने को कहा है।

30 फीसद सीटें आरक्षित

 अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यूजीसी का पत्र मिला है और अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों को शोध कार्य में प्रोत्साहन देने और आगे बढ़ाने को कहा है। यूजीसी ने यह भी जानकारी दी है कि मौलाना आजाद राष्ट्रीय फेलोशिप में देश भर के अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 30 फीसद सीटें आरक्षित हैं। बेशक, यह सूचना प्रदेश के अल्पसंख्यक वर्ग के उन विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है, जो शोध में रूचि रखते हैं। यूजीसी की पहल से अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों को शोध कार्य में मदद मिलेगी।

इन समुदाय के युवाओं के लिए है फेलोशिप

विभाग के मुताबिक मौलाना आजाद राष्ट्रीय फेलोशिप की पात्रता के दायरे में मुस्लिम, सिख, जैन, बुद्ध, पारसी और क्रिश्चियन समुदाय के विद्यार्थी शामिल हैं। हालांकि इस स्कीम का लाभ लेने के लिए आवेदक को नेट पास होना अनिवार्य है। साथ ही इसके लिए वही विद्यार्थी पात्र होंगे, जिनकी पारिवारिक आय छह लाख रुपए से कम होगी। इस फेलोशिप के तहत जूनियर रिसर्च फेलो को बतौर फेलोशिप 25 हजार और सीनियर रिसर्च फेलो को 28 हजार रुपए प्रति माह दिए जाएंगे।

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