दो फाड़ हुआ विद्युत इंजीनियरों का संगठन

विद्युत कंपनी के इंजीनियरों का संगठन दो फाड़ में बंट गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 01:30 AM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 01:30 AM (IST)
दो फाड़ हुआ विद्युत इंजीनियरों का संगठन
दो फाड़ हुआ विद्युत इंजीनियरों का संगठन

पटना। विद्युत कंपनी के इंजीनियरों का संगठन दो फाड़ में बंट गया है। बिहार पावर इंजीनियरिग सर्विस एसोसिएशन (पेसा) के आंदोलन के दौरान इसकी नींव पड़ी। पेसा के अध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह और महासचिव चंद्रशेखर ने दावा किया कि हमलोग असली हैं। राज्यभर के इंजीनियर हमलोगों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व पेसा के महासचिव के मनमाने ढंग से नियम विरुद्ध निजी एजेंडे पर कार्य करने से संगठन में नैतिक गिरावट आ गई थी।

अब पेसा के महासचिव सुरेंद्र कुमार अकेले पड़ते जा रहे हैं। अभियंता नये अध्यक्ष और महासचिव के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। विद्युत कंपनी के निजीकरण के विरुद्ध में आंदोलन की घोषणा हुई थी। अभियंताओं पर लाठीचार्ज हुआ। पटना उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद हड़ताल टल गई। न्यायालय एसोसिएशन के साथ वार्ता का निर्देश मिला है।

दिलीप कुमार सिंह के नेतृत्व का संगठन विद्युत कंपनी से वार्ता की तैयारी में जुटा है। पहले से पेसा सचिव की कमान संभाले सुरेंद्र कुमार ने विद्युत कंपनी को पत्र लिखकर हाईकोर्ट के निर्देश पर वार्ता की तिथि निर्धारित करने का आग्रह किया है। संगठन दो फाड़ होने से विद्युत कंपनी प्रबंधन भी सुरेंद्र कुमार को दरकिनार कर दिलीप कुमार सिंह वाले गुट से वार्ता के पक्ष में आ गई है।

नये महासचिव चंद्रशेखर ने विद्युत कंपनी को पत्र लिखकर कहा है कि किसी तरह की सूचना का अदान-प्रदान नये अध्यक्ष और महासचिव से करें। यह है नयी कार्यकारिणी: अध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह (पेसू महाप्रबंधक), महासचिव चंद्रशेखर (एसटीएफ अधीक्षण अभियंता), उपाध्यक्ष आइसी यादव, रंजीत कुमार और खगेश चौधरी, उप महासचिव मनीषकांत, कोषाध्यक्ष मुकेश कुमार, सचिव प्रवीण कुमार, पंकज राजेश, इंद्रदेव, राजीव कुमार सहित 21 सदस्यीय कार्यकारिणी है।

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