आइजीआइएमस में शुरू हुई ओपन हार्ट सर्जरी, जल्द होगा लीवर ट्रासंप्लांट

मरीजों के लिए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमस) में मरीजों के लिए चार नई सुविधाओं की शुरुआत की गई है। इसमें ओपन हर्ट सर्जरी प्रमुख है। जल्द ही अस्पताल में लीवर ट्रासंप्लांट भी हो सकेगा।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 08 Dec 2018 05:31 PM (IST) Updated:Sat, 08 Dec 2018 05:31 PM (IST)
आइजीआइएमस में शुरू हुई ओपन हार्ट सर्जरी, जल्द होगा लीवर ट्रासंप्लांट
आइजीआइएमस में शुरू हुई ओपन हार्ट सर्जरी, जल्द होगा लीवर ट्रासंप्लांट

पटना, जेएनएन। मरीजों के लिए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमस) में चार नई सुविधाओं की शुथआत की गई है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को नई सेवाओं का शुभारंभ किया। असपताल के ईएनटी विभाग में गूंगे और बहरे बच्चों के लिए कॉकलियर इंप्लांट सेंटर, कैंसर मरीजों की सेकाई के लिए कोबाल्ट मशीन एवं इलेक्ट्रिक सब स्टेशन एवं इंजीनियरिंग वर्क शॉप सहित मेडिकल कॉलेज के नए भवन के दूसरे खंड कम्यूनिटी मेडिसीन विभाग चलने लगे हैं।

गूंगे-बहरे भी सुन और बोल सकेंगे

मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार आधुनिक तकनीक और उपकरणों के जरिए राज्य की जनता का गंभीर से गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा मुहैया कराने की दिशा में आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की सोच है कि राज्य की जनता को अपने राज्य में ही बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले। पांडेय ने कहा कि अब गूंगे और बहरे बच्चे भी कॉकलियर इंप्लांट के जरिए बोलेंगे और सुनेंगे। इससे बच्चे को नया जीवन मिलेगा। इसके लिए सरकार ढाई लाख तक की आय वाले परिवार को 5 लाख की सहायता राशि प्रदान करेगी, जिसमें इलाज के बाद तीन साल की ट्रेनिंग भी शामिल होगा। वहीं कोबाल्ट मशीन के रेनोवेशन हो जाने से एक दिन में एक सौ से अधिक मरीजों की सेकाई संभव है।

पुराना भवन जल्द ही नये में होगा शिफ्ट

पांडेय ने कहा कि पुराना मेडिकल कॉलेज भवन जल्द ही नये भवन में शिफ्ट हो जाएगा। मेडिकल कॉलेज का दूसरा भाग कम्युनिटी मेडिसीन विभाग आज से काम करने लगेगा। पुराने भवन में आतंरिक पैसे खर्च करके 360 बेड का अस्पताल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में आइजीआइएमस 2600 बेड का  अस्पताल होगा। अभी 860 बेड हैं, लेकिन 500 बेड के लिए टेंडर हो चुका है और 1200 बेड के लिए डीपीआर बनाने का काम किया जा रहा है। पांडेय ने कहा कि लंबे इंतजार के बाद आइजीआइएमस में ओपन हर्ट सर्जरी का काम 6-7 दिन पहले शुरू हो गया है। यह बिहार का पहला सरकारी अस्पताल है, जहां बाइपास सर्जरी हो रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हर्ट ट्रांसप्लांट का काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा आने वाले समय में आइजीआइएमएस में लीवर ट्रासंप्लांट भी किया जाएगा। इसके लिए चिकित्सकों का दल दिल्ली एम्स में एक राउंड प्रशिक्षण ले चुका है।

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