बिहार के 68 विधायकों की बढ़ी मुश्किल, विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 250 उम्मीदवारों पर भी संकट

विधानसभा चुनाव के दौरान संपत्ति को लेकर दायर किए गए हलफनामे में गलत जानकारी देने को लेकर बिहार के 68 विधायकों को 250 उम्मीदवारों को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है। इसके लिए डिपार्टमेंट ने सभी को नवंबर के अंतिम सप्ताह तक जवाब देने का समय दिया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Wed, 10 Nov 2021 02:50 PM (IST) Updated:Thu, 11 Nov 2021 04:25 AM (IST)
बिहार के 68 विधायकों की बढ़ी मुश्किल, विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 250 उम्मीदवारों पर भी संकट
बिहार के कई विधायकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सांकेतिक तस्वीर।

जागरण टीम, पटना। बिहार के 68 विधायकों को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है। मामला साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान संपत्ति को लेकर दायर किए गए हलफनामे में गलत जानकारी देने का है। एमएलए के साथ ही 250 से अधिक उम्मीदवारों को भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटिस दिया है। आयकर विभाग ने ऐसे लोगों को नोटिस दिया है जिन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी संपत्ति जितनी बताई थी वास्तव में उससे कहीं ज्यादा के वे मालिक हैं। चुनाव आयोग ने आयकर विभाग को संपत्ति की जांच करने का आदेश दिया था, जिसके बाद गलत जानकारी देने पर नोटिस माननीयों और उम्मीदवारों को भेजा गया है। इनमें राज्य के सभी दलों के एमएलए शामिल हैं। विभाग ने सभी को जवाब देने के लिए नवंबर के अंतिम सप्ताह तक का समय दिया है। समय सीमा तक जवाब नहीं देने वालों से पूछताछ भी की जा सकती है। 

बता दें कि पिछले साल नवंबर महीने में बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न हुए थे। इस दौरान इलेक्शन में हाथ आजमाने वाले सभी उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया था। चुनाव के बाद जीते और भाग्य आजमाने वाले सभी की संपत्तियों की जांच का आदेश चुनाव आयोग ने आयकर विभाग को दिया था। जांच के दौरान जिनकी जानकारी गलत पाई गई उन्हें आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है। अब विधायकों और विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों से घोषणा पत्र में दी गई जानकारी गलत होने का कारण पूछा गया है। नवंबर के आखिर सप्ताह तक जवाब नहीं देने वालों से विभाग पूछताछ कर सकता है। बताया जाता है कि कइयों की संपत्ति घोषित आय से कहीं ज्यादा है। ऐसे में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जिन्हें आयकर विभाग ने नोटिस दिया है उनमें राज्य के सभी दलों के एमएलए और नेता शामिल हैं। अब देखना होगा कि समय सीमा के पहले विधायक और विधानसभा चुनाव के कैंडीडेट इस घालमेल पर क्या जवाब देते हैं। 

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