अब नहीं जाना होगा दिल्ली, एम्स पटना में शुरू हुई ब्रेन एवं इंडोवैस्कुलर सर्जरी Patna News

अत्याधुनिक ब्रेन सर्जरी एवं इंडोवैस्कुलर सर्जरी अब पटना एम्स में भी आरंभ हो गई है। यहां कई एेसे इलाज हो रहे हैं जो एम्स दिल्ली में ही अब तक उपलब्ध थे।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 10:58 AM (IST) Updated:Sun, 20 Oct 2019 10:58 AM (IST)
अब नहीं जाना होगा दिल्ली, एम्स पटना में शुरू हुई ब्रेन एवं इंडोवैस्कुलर सर्जरी Patna News
अब नहीं जाना होगा दिल्ली, एम्स पटना में शुरू हुई ब्रेन एवं इंडोवैस्कुलर सर्जरी Patna News

पटना, जेएनएन। वर्तमान समय में ब्रेन हैमरेज की संभावना अधिक होती है। ऐसे मरीजों के पास अस्पताल पहुंचने के लिए ज्यादा वक्त नहीं होता है। यदि सही अस्पताल का चयन नहीं हो पाता है तो मरीजों की मौत तक हो जाती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना (एम्स) में आयोजित न्यूरो सर्जरी एवं न्यूरोलॉजी कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए विशेषज्ञों ने ये बातें कहीं। कांफ्रेंस का उद्घाटन करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. पीके सिंह ने कहा कि एम्स में अत्याधुनिक ब्रेन सर्जरी एवं इंडोवैस्कुलर सर्जरी आरंभ हो गई है। मरीजों को इसका लाभ उठाना चाहिए। अब यहां कई ऐसे ऑपरेशन हो रहे हैं, जो एम्स दिल्ली में ही अब तक उपलब्ध थे।

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति सह न्यूरो विशेषज्ञ डॉ. एके अग्रवाल ने कहा कि ब्रेन सर्जरी में दूरबीन से चिकित्सा आरंभ हो गई है। यह सर्जरी एम्स पटना में आरंभ होने से बिहारवासियों को काफी लाभ भी हो रहा है। इस दौरान एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. गुंजन कुमार, पारस अस्पताल के डॉ. मुकुंद प्रसाद, डॉ. अभिषेक कुमार, डॉ. श्याम सुंदर, एम्स एनेस्थिसिया विभाग के डॉ. अजीत कुमार ने भी उपस्थित जनों को संबोधित किया।

दिमाग में खून के थक्के का अतिशीघ्र इलाज जरूरी

एम्स पटना के न्यूरो सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ. विकास चंद्र झा ने दिमाग के अंदर नसों में खून के थक्के बन जाने के बाद  इसके लक्षण को पहचानने, नजदीकी अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन द्वारा ब्रेन की जांच करवाने एवं खून के थक्के को खत्म करने वाली दवा एल्टीफ्लैज के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि ब्रेन हैमरेज के बाद दिमाग में खून के थक्के को कम करना शीघ्र जरूरी होता है।

अत्याधुनिक चिकित्सा प्रणाली स्टेंट एसिस्टेड मैकेनिकल थ्रॉम्बेक्टमी खून के थक्के को नस से निकाल देती है। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक चिकित्सा माइक्रो न्यूरो सर्जरी एवं इंडोवैस्कुलर सर्जरी के माध्यम से होती है। रिकवरी में सर्जरी के साथ रिहैबिलिटेशन का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।

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