एनआइओएस 15 से शुरू करेगा ग्रामीण चिकित्सकों का प्रशिक्षण

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) राज्य के सभी जिलों के 218 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 15 जुलाई से ग्रामीण चिकित्सकों का प्रशिक्षण प्रारंभ करेगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jun 2018 09:29 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jun 2018 09:29 PM (IST)
एनआइओएस 15 से शुरू करेगा ग्रामीण चिकित्सकों का प्रशिक्षण
एनआइओएस 15 से शुरू करेगा ग्रामीण चिकित्सकों का प्रशिक्षण

पटना । राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) राज्य के सभी जिलों के 218 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में 15 जुलाई से ग्रामीण चिकित्सकों का प्रशिक्षण कार्य प्रारंभ करेगा। कोर्स में नामांकित सभी 21,812 अभ्यर्थियों को कोर्स मैटेरियल भेज दिया गया है। उक्त जानकारी शनिवार को ललित भवन स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में एनआइओएस के निदेशक शैक्षिक संजय कुमार सिंह, निदेशक व्यावसायिक डॉ. अशमिंदर सिंह बहल तथा राज्य परामर्श दातृ समिति के अध्यक्ष डॉ. एलबी सिंह ने प्रेसवार्ता में दी।

निदेशक शैक्षिक ने बताया कि देश में बिहार पहला राज्य है जहां एनआइओएस ग्रामीण चिकित्सकों के लिए 'सामुदायिक स्वास्थ्य पाठ्यक्रम' कोर्स संचालित कर रहा है। इसमें नामांकन के लिए 2017 में ही आवेदन आमंत्रित किए गए थे। पाठ्यक्रम पद्मश्री डॉ. सीपी ठाकुर, पद्मश्री डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा, पद्मश्री डॉ. नरेंद्र प्रसाद, डॉ. मंजू गीता मिश्रा, डॉ. एलबी सिंह, डॉ. विजय शंकर सिंह आदि ने तैयार किया है। सूबे में कोर्स के सफल संचालन के बाद इसे अगले चरण में झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तरप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में प्रारंभ किया जाएगा।

पीएचसी के चिकित्सक देंगे प्रशिक्षण :

डॉ. अशमिन्दर सिंह बहल ने कहा कि सभी नामांकित ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षण संबंधित पीएचसी के चिकित्सक ही देंगे। उनकी संख्या कम होने पर अन्य एमबीबीएस चिकित्सकों का सहयोग लिया जाएगा। इनका मार्गदर्शन अनुभवी चिकित्सकों की टीम करेगी। निजी प्रैक्टिस वाले चिकित्सक भी स्वेच्छा से प्रशिक्षण कार्य में योगदान दे सकते हैं। प्रशिक्षण का कार्यक्रम शनिवार और रविवार को संबंधित पीएचसी का कार्य बगैर प्रभावित किए संचालित किए जाएंगे।

: घर से पीएचसी तक लाने की होगी जिम्मेदारी :

डॉ. एलबी सिंह ने बताया कि बीमार लोगों को घर से पीएचसी तक लाने की जिम्मेदारी प्रशिक्षित ग्रामीण चिकित्सकों की होगी। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें क्या नहीं करना है, यह पहले बताया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में बीमार लोगों का प्राथमिक उपचार कर उन्हें पीएचसी या अन्य अस्पतालों में बेहतर उपचार के लिए जागरूक करेंगे। किसी तरह के ऑपरेशन तथा गंभीर बीमारी का इलाज करने की सख्त मनाही होगी। आपदा, टीकाकरण आदि में इनकी भूमिका अहम होगी।

10वीं पास भी ले सकेंगे नामांकन :

'सामुदायिक स्वास्थ्य पाठ्यक्रम' में नामांकन 10वीं पास भी ले सकेंगे। प्रथम बैच का प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद अक्टूबर या नवंबर में परीक्षा आयोजित की जाएगी। दूसरे बैच में नामांकन नवंबर से संभावित है। इनमें तीन से पांच साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर चुके लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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