NCRB बिहार का क्राइम ग्राफ जारी कर रहा था, इधर PO का अपहरण हो गया; बरामदगी पर सब मौन

एक ओर NCRB की ओर से बिहार का क्राइम ग्राफ जारी किया जा रहा था तो दूसरी ओर PO नीवन का बेगूसराय में अपहरण हो गया। आधी रात में अपहर्ताओं ने छोड़ दिया पर इस बरामदगी पर सब मौन हैं।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 23 Oct 2019 06:20 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 08:37 PM (IST)
NCRB बिहार का क्राइम ग्राफ जारी कर रहा था, इधर PO का अपहरण हो गया; बरामदगी पर सब मौन
NCRB बिहार का क्राइम ग्राफ जारी कर रहा था, इधर PO का अपहरण हो गया; बरामदगी पर सब मौन

बेगूसराय/ समस्‍तीपुर, जेएनएन। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने देश के राज्यों अाैर यूटी के लिए वर्ष 2017 में हुए अपराध के आंकड़े जारी किए हैं। इस आंकड़े के अनुसार अपहरण के मामले में बिहार पूरे देश में सातवें स्‍थान पर है। लेकिन जिस दिन आंकड़े जारी हो रहे थे, उस दिन भी बिहार में एक सरकारी अधिकारी का अपहरण हो गया। हालांकि चंद घंटे में ही उनकी बरामदगी हो गई है। पुलिस के प्रेशर में बरामदगी हुई है या इसके पीछे कोई डील हुआ है, इस पर अभी कोई कुछ नहीं बोल रहा है। 

दरअसल, बिहार के बेगूसराय से लेकर समस्‍तीपुर तक उस समय हड़कंप मच गया, जब हथियारों से लैस अपराधियों ने रोसड़ा निवासी व मोकामा प्रखंड में कार्यरत कार्यक्रम अधिकारी नवीन निश्‍चल का अपहरण कर लिया। अपहरण की घटना बेगूसराय जिले के बरौनी थाना क्षेत्र स्थित कौआ टांड पुल के समीप से किया गया। घटना के समय कार्यक्रम पदाधिकारी नवीन अपनी मारुति ब्रीजा से मोकामा से समस्तीपुर के रोसड़ा स्थित अपने घर जा रहे थे।

इसी बीच, सशस्त्र अपराधियों ने हथियार के बल पर उन्हें जबरन रोककर अगवा कर लिया। अपहरण की सूचना मिलते ही तेघड़ा के एसडीपीओ आशीष आनंद ने दलबल के साथ खोजबीन शुरू कर दी। पकठौल के समीप अधिकारी की गाड़ी बरामद कर ली गई, लेकिन सशस्त्र अपराधी अधिकारी को ले जाने में सफल रहे। 

बताया जाता है कि पुलिस की छापेमारी चल ही रही थी कि अाधी रात में अपहर्ताओं ने नवीन कुमार को छोड़ दिया। अपहर्ताओं ने एसएच 55 पर रोसड़ा के शशि कृष्णा कॉलेज के निकट 12 बजे रात में छोड़ा। बुधवार को दल-बल के साथ रेासड़ा पहुंचे बेगूसराय के तेघरा एसडीपीओ पूछताछ के लिए पीओ को अपने साथ ले गए। पुलिस के अनुसार, पूछताछ की जा रही है। मामले की तह में जाने की कोशिश की जा रही है। इधर पीओ को अपहर्ताओं ने पुलिस के दबाव में छोड़ा या इसके पीछे कोई डील हुआ है, इस पर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। 

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