NCRB की रिपोर्ट: अपराध में पांचवें पायदान पर बिहार, टॉप क्राइम कैपिटल बना पटना

अपराध के मामले में बिहार पांचवें पायदान पर है तो वहीं राजधानी पटना का नाम मेट्रोपॉलिटन सिटी में क्राइम के लिए पहले स्थान पर दर्ज किया गया है। जानिए और क्या कहती है रिपोर्ट....

By Kajal KumariEdited By: Publish:Sat, 11 Jan 2020 10:09 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jan 2020 10:40 PM (IST)
NCRB की रिपोर्ट: अपराध में पांचवें पायदान पर बिहार, टॉप क्राइम कैपिटल बना पटना
NCRB की रिपोर्ट: अपराध में पांचवें पायदान पर बिहार, टॉप क्राइम कैपिटल बना पटना

 पटना, जेएनएन। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने अपनी जो रिपोर्ट जारी की है, उससे बिहार में भले ही अपराध को लेकर राजनीतिक बयानबाजी हो या दिल को बहलाने के लिए राज्य की पुलिस अपने बारे में जो कहे, लेकिन NCRB की रिपोर्ट ने बिहार में अपराध का सच सबके सामने ला दिया है। ब्यूरो ने वर्ष 2018 के लिये जारी अपनी रिपोर्ट में देश भर के 19 मेट्रोपॉलिटन शहरों में होने वाली हत्याओं में पटना को पहले स्थान पर रखा है, तो वहीं अपराध के मामले में बिहार पांचवे स्थान पर है।

पिछले साल छठे पायदान पर था बिहार, दंगे में था टॉप पर

पिछले साल के आंकड़ों की बात करें तो सर्वाधिक दंगे में बिहार टॉप पर रहा था, तो वहीं हनीमून किडनैपिंग के मामले में यह दूसरे स्थान पर था। अपराध के मामले में बिहार का स्थान छठा रहा था। राज्य में 2017 में 180573 केस दर्ज किए गए थे। वहीं 2015 में बिहार 9 वें अाैर 2016 में आठवें स्थान पर रहा था।

हत्या के मामले भी बढ़े

नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार पटना में हर एक लाख व्यक्ति पर साल 2018 में 4.4 लोगों की हत्या  हुई है जबकि राजस्थान की राजधानी जयपुर में यह आंकड़ा एक लाख में 3.3 और उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रति लाख 2.9 लोगों की हत्या हुई है।

साल 2018 में हुई हत्याओं की बात करें तो बिहार में एक लाख प्रति व्यक्ति पर 2.2 लोगों की हत्या का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है जबकि झारखण्ड में यह आंकड़ा 4.6, अरुणाचल प्रदेश में 4.2 और असम में 3.6 रिकॉर्ड किया गया है।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या बढी

ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में बिहार में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 16, 920 हो गई जो कि वर्ष 2017 की 14,711 की तुलना में 2,200 से अधिक है। बता दें कि वर्ष 2016 में रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या 13,400 थी और रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में 98.2 प्रतिशत बलात्कार के मामलों में अपराध पीड़ितों के जानने वालों ने किया।

दहेज के कारण होनेवाली हत्या में पहले स्थान पर पटना

दहेज के कारण होनेवाली हत्या की घटनाओं में भी पटना सबसे पहले स्थान पर है। यहां 2018 में एक लाख की आबादी पर 2.5 महिलाओं की हत्या दहेज के कारण हुई है, जबकि उत्तरप्रदेश के कानपुर में भी प्रति 2.5 लाख महिलाओं की मौत दहेज की वजह से हुई है। यानि दहेज के लिए हुई हत्या और मौत की वारदातों में पटना पहले सथान पर और कानपुर दूसरे स्थान पर है। 

अन्य अपराध के मामले भी कम नहीं 

वहीं, बिहार में साल 2018 में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के 179 मामले सामने आए हैं, जिसमें 231 पीड़ितों की व्यथा और दुश्वारियां सामने आयीं हैं। इसमें भी देश भर में बिहार के मामले सर्वाधिक होने का रिकॉर्ड है।

एनसीआरबी की रिकॉर्ड के अनुसार 2018 में बिहार में देश भर में सबसे ज्यादा 6608 सम्पति विवाद के केस सामने आए हैं। यहां एक लाख की आबादी पर 5.8 लोगों ने सम्पति विवाद के मामले दर्ज कराए हैं।

वहीं रिकॉर्ड के अनुसार 2018 में बिहार में सामान्य चोरी की 12 हज़ार 209 घटनाएं सामने आईं, जबकि इस दौरान वाहनों की चोरी के करीब 18 हज़ार 665 केस दर्ज किए गए। इसके अलावा पूरे साल में फर्ज़ीवाड़ा के 4600 केस भी पूरे बिहार में दर्ज किये गए हैं।

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