छह महीने पहले भेजी गई थी डिमांड, फिर भी नहीं मिल रहीं NCERT की किताबें

स्‍कूलों में नया सत्र शुरू हो गया है लेकिन बच्‍चों के पास किताबें नहीं है। बाजार में अब तक एनसीईआरटी की किताबें नहीं आयी है।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Wed, 11 Apr 2018 12:26 PM (IST) Updated:Wed, 11 Apr 2018 10:38 PM (IST)
छह महीने पहले भेजी गई थी डिमांड, फिर भी नहीं मिल रहीं NCERT की किताबें
छह महीने पहले भेजी गई थी डिमांड, फिर भी नहीं मिल रहीं NCERT की किताबें

पटना [नीरज कुमार]। राजधानी के अधिसंख्य स्कूलों में एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो गया है, लेकिन स्कूलों में अभी तक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकें नहीं पहुंची हैं। सत्र शुरू होने और किताब नहीं मिलने से छात्र, अभिभावक एवं स्कूल प्रबंधन परेशान हैं। ऐसे में बिना किताब के नए सत्र की पढ़ाई कैसे शुरू होगी। 

राजधानी के प्रतिष्ठित गर्ल्‍स स्कूल में पढऩे वाले सुरभि का कहना है कि मैं नौवीं की छात्रा हूं। नया सत्र प्रारंभ हुए एक सप्ताह हो गया, लेकिन अभी तक अंग्रेजी, गणित एवं साइंस की किताबें नहीं मिली हैं। अब समझ नहीं आ रहा है कि कैसे पढ़ाई करें। उसी विद्यालय की छात्रा सारिका रॉय का कहना है कि नौंवी एवं दसवीं में एनसीईआरटी के किताबों के बिना पढ़ाई करना असंभव है, लेकिन एनसीईआरटी की किताबें बाजार में कहीं नहीं मिल रही हैं।

स्कूल प्रबंधन ने छह माह पहले एनसीईआरटी की किताबों के लिए डिमांड भेजा था, लेकिन पुस्तकों की आपूर्ति अभी तक नहीं हो पाई है। एनसीईआरटी द्वारा अभी तक एक भी विद्यालय में पुस्तक की आपूर्ति नहीं की गई है। एनसीईआरटी की पुस्तकों के लेकर राजधानी समेत पूरे प्रदेश में छात्रों को परेशानी हो रही है।

नकली किताबों का खतरा

जानकारों का कहना है कि अगर एनसीईआरटी की किताबें जल्द मुहैया नहीं कराई गई तो नकली किताबों की भरमार हो जाएगी। जिसका खामियाजा अंतत: बच्चों को भुगतना होगा। नकली किताबों की गुणवता काफी घटिया होती है और कुछ पाठ गायब रहते हैं, जिसको लेकर छात्रों को काफी परेशानी होती है। 

सूबे में दस लाख से ज्यादा एनसीईआरटी की पुस्तकों की जरूरत है। एनसीईआरटी ने स्कूलों से पुस्तकों की डिमांड पिछले वर्ष की थी। सभी स्कूलों ने अपने छात्र संख्या में आधार पर एनसीईआरटी को अपना डिमांड भेजा था। उम्मीद थी कि नये सत्र प्रारंभ होने यानी एक अप्रैल से पहले हर स्कूल में एनसीईआरटी की पुस्तकें पहुंच जाएंगी और नई किताबों से पढ़ाई प्रारंभ होगी। लेकिन अभी तक एनसीईआरटी ने किताब नहीं भेजी है, जिससे पढ़ाई में परेशानी हो रही है।

एके नाग, सीबीएसई पाटलिपुत्र सहोदय के पूर्व कोषाध्यक्ष

सीबीएसई स्कूलों के अलावा राजधानी के 10 एजेंसियों ने भी एनसीईआरटी से किताबों की मांग की थी। केवल ज्ञान गंगा की छह एजेंसियों ने 5 लाख किताबों की मांग की थी, लेकिन अभी तक एजेंसी को मात्र 40 हजार किताबें ही मिल पाईं हैं। उन किताबों को ज्ञान गंगा के बाइपास एजेंसी से छात्रों का मुहैया कराया जा रहा है। वहां से कोई भी छात्र या अभिभावक अपनी जरूरत के अनुसार किताब ले सकता हैं।

मनीष कुमार, निदेशक, ज्ञान गंगा, पटना

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