विशेष सुरक्षा हटाने से नाराज नरेंद्र ने सीएम नीतीश कुमार को लिखा पत्र, कहा लोजपा की मदद से सीएम की कुर्सी पर बैठाया था

चार नवंबर को विशेष सुरक्षा हटाने से नाराज पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से कहा-आप क्या से क्या हो गए हैं। उन्‍होंने नीतीश को याद दिलाईकहा- 2005 में लोजपा और निर्दलीय विधायकों की मदद से आपको सीएम की कुर्सी पर बैठाया था ।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sun, 08 Nov 2020 10:26 AM (IST) Updated:Mon, 09 Nov 2020 09:52 PM (IST)
विशेष सुरक्षा हटाने से नाराज नरेंद्र ने सीएम नीतीश कुमार को लिखा पत्र, कहा लोजपा की मदद से सीएम की कुर्सी पर बैठाया था
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । अपनी विशेष सुरक्षा (special Security)  हटाने से नाराज पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह (Ex Minister Narendra Singh)  ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से कहा- आप क्या से क्या हो गए हैं । उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र (letter) लिखा है। उन्होंने कहा कि वे सुरक्षा की भीख नहीं मांग रहे (not begging for security)  हैं। जानकारी दे रहे हैं (informing)  कि उनकी जान पर खतरे (threat to his life) का आकलन (assessment)  करने के बाद ही राज्य सरकार ने क्रमश: जेड और वाई श्रेणी की सुरक्षा (Z and Y category Security) का बंदोबस्त किया था। वे 22 अक्टूबर को अस्वस्थ हो गए। अस्पताल में थे, इसी बीच चार नवम्बर (November 4th )  को सुरक्षा वापस ले ली गई।

2005 में सत्‍ता संघर्ष की याद दिलाई

सिंह ने जेपी आंदोलन और राज्य के विकास में नीतीश कुमार के योगदान की सराहना की। याद दिलाया कि कैसे वह और नीतीश कुमार जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan)  से मुलाकात करने मुंबई के जसलोक अस्पताल (Jaslok Hospital, Mumbai ) गए थे। उन्होंने जेपी आंदोलन में नीतीश कुमार के योगदान (Contribution of Nitish Kumar in JP agitation ) की भी चर्चा की। पूर्व मंत्री ने नीतीश कुमार को याद दिलाया कि 2005 में लोजपा (LJP) और निर्दलीय विधायकों (independent MLA) की मदद से हमने ही आपको मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया था।

कृषि मंत्री के नाते अपने कार्यो की याद दिलाई

आप लोगों के आग्रह पर कैबिनेट (cabinet) में शामिल हुआ। कृषि मंत्री के नाते उन्होंने अपने योगदान की भी चर्चा की। आज राज्य सरकार कृषि विकास (Development in agriculture Sector) को उपलब्धि (achievement)  के तौर पर स्वीकार कर रही है। पूर्व मंत्री ने कहा कि जान की हिफाजत के लिए उन्हें भगवान (God) और राज्य की जनता पर भरोसा है। वह इसके लिए सरकारी सुरक्षा पर आश्रित (not dependent on government security services) नहीं हैं। सिर्फ आश्चर्य सरकार के उस फैसले पर है, जिसके लिए मुख्यमंत्री के आदेश की जरूरत होती है। 

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