बिहार में तेजी से बढ़ रहे मुंह व गॉल ब्‍लाडर के कैंसर, तंबाकू ही नहीं ये अनाज भी बन सकते बीमारी की वजह

World Rose Day 2022 बिहार में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर मुंह और गॉल ब्‍लाडर के कैंसर से पीड़‍ितों की संख्‍या में काफी इजाफा हुआ है। इसके पीछे मुख्‍य कारण तंबाकू का सेवन और आर्सेनिक युक्‍त पानी है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 22 Sep 2022 11:36 AM (IST) Updated:Thu, 22 Sep 2022 03:38 PM (IST)
बिहार में तेजी से बढ़ रहे मुंह व गॉल ब्‍लाडर के कैंसर, तंबाकू ही नहीं ये अनाज भी बन सकते बीमारी की वजह
बिहार में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मामले। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, आनलाइन डेस्‍क। आज वर्ल्‍ड रोज डे (World Rose Day 2022) आज है। यूं तो गुलाब ध्‍यान में आते ही वैलेंटाइन डे (Valentine Day) याद आ जाता है। लेकिन इस दिन यानी 22 सितंबर का 14 फरवरी से कोई लेना-देना नहीं है। आज का दिन 12 वर्ष की मेलिंडा रोज की याद में मनाया जाता है। उसे आस्किन ट्यूमर नामक जानलेवा ब्‍लड कैंसर था। उस बहादुर लड़की को श्रद्धांजलि के साथ ही कैंसर पीड़ि‍तों की जिंदगी में आशा का संचार करने के लिए वर्ल्‍ड रोज डे का आयोजन किया जाता है। गुलाब देकर यह संदेश दिया जाता है कि जिंदगी अभी बाकी है। 

बिहार में प्रतिवर्ष मिल रहे करीब एक लाख मरीज 

बिहार के संदर्भ में बात करें तो यहां हर वर्ष कैंसर मरीजों की संख्‍या तेजी से बढ़ती जा रही है। यहां प्रति वर्ष करीब 85 हजार से ज्‍यादा नए मरीजों की पहचान हो रही है। इसके अलावा पहले से भी करीब चार लाख लोग इस बीमारी से ग्र‍सित हैं। उनका इलाज देश के अलग-अलग अस्‍पतालों में चल रहा है। ध्‍यान देने की बात यह है कि बिहार में मुंह और गॉल ब्‍लाडर का कैंसर ज्‍यादा हो रहा है। महिलाओं की बच्‍चेदानी, स्‍तन कैंसर समेत पुरुषों में लिवर कैंसर, प्राेस्‍टेट कैंसर बढ़ रहे हैं। एक तो लोगों में जागरूकता की कमी, दूसरी समय पर पहचान नहीं होने के कारण एडवांस स्‍टेज में जाकर इस जानलेवा बीमारी का पता चलता है। तब तक काफी देर हो चुकी होती है। 

तंबाकू, आर्सेनिक के अलावा कई अन्‍य भी कारण 

कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार में मुंह के कैंसर का मामला ज्‍यादा बढ़ रहा है, इसका मुख्‍य कारण तंबाकू का सेवन है। आइजीआइएमएस के डा. ए रंजन के मुताबिक बिहार में मुंह, फेफड़े, आंत नली और गॉल ब्‍लाडर कैंसर का 90 प्रतिशत कारण तंबाकू ही है। अन्‍य 10 फीसदी कारणों में मोटापा समेत अन्‍य कारक हैं। 2018 से 2022 तक के आंकड़े देखें तो मुंह के कैंसर का आंकड़ा भयावह है। बिहार में 16 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में आए। गुटखा और तंबाकू पर बैन के बावजूद बिहार में इनकी बिक्री खुलेआम हो रही है। 

शरीर में चावल, गेहूं से भी पहुंच रहा आर्सेनिक

विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार जैसे प्रदेश में तंबाकू, आर्सेनिक युक्‍त पानी, पेस्टिसाइड, माइक्रो प्‍लास्टि‍क की वजह से कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं।  महावीर कैंसर संस्‍थान में कैसर के कारकाें पर हुए रिसर्च में कई चौंकानेवाले परिणाम सामने आए। डा. अशोक घोष की टीम ने फूड चेन पर रिसर्च किया। उसमें पता चला कि पानी में आर्सेनिक की मात्रा कम थी, लेकिन जब उसी पानी से सिंचित फसल की जांच की गई तो उसमें इसकी मात्रा काफी अधिक पाई गई। तो ऐसे स‍ब्‍जी, गेहूं, चावल भी कैंसर का कारक बन सकते हैं। वहीं एक दूसरी एक रिसर्च में यह बात सामने आई कि पानी के साथ ही मां के दूध का आर्सेनिक भी कैंसर का कारण बन रहा है।  

ऐसे बचें इस जानलेवा बीमारी से  तंबाकू, धुमपान, शराब का सेवन नहीं करें  संतुलित आहार, संयमित जीवनशैली अपनाएं साग-सब्जियों और मोटे अनाज का सेवन करें  पिज्‍जा-बर्गर जैसे फास्‍टफूड से बनाएं दूरी  वजन नहीं बढ़ने दें, नियमित करें एक्‍सरसाइज  वर्ष में एक बार कराएं पूरी जांच 

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