बिहार में वाम दलों के बंद का मिलाजुला असर

केंद्र व राज्य सरकारों की नीतियों के खिलाफ आज वाम दलों का बिहार बंद का मिलाजुला असर रहा। बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतर आए। उन्‍होंने दरभंगा में संपर्क क्रांति एक्‍सप्रेस तो मधुबनी में शहीद एक्‍सप्रेस को रोक दिया। जगह-जगह रेल व सड़क यातायत प्रभावित रहे।

By Amit AlokEdited By: Publish:Tue, 21 Jul 2015 07:52 AM (IST) Updated:Tue, 21 Jul 2015 07:17 PM (IST)
बिहार में वाम दलों के बंद का मिलाजुला असर

टीम जागरण, पटना। केंद्र व राज्य सरकारों की नीतियों के खिलाफ आज वाम दलों का बिहार बंद का मिलाजुला असर रहा। बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतर आए। उन्होंने दरभंगा में संपर्क क्रांति एक्सप्रेस तो मधुबनी में शहीद एक्सप्रेस को रोक दिया। बंद के कारण जगह-जगह रेल व सड़क यातायत प्रभावित रहा। कई जगह बाजार भी बंद रहे।

बिहार बंद की देखें तस्वीरें-

केन्द्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ भाकपा, माकपा, भाकपा माले (लिबरेशन), एसयूसीआइ, आरएसपी और फारवर्ड ब्लॉक समेत श्रमिक संगठनों की ओर से मंगलवार को आहूत बिहार बंद का मिलाजुला असर रहा।

बंद समर्थकों ने ट्रेनों का परिचालन प्रभावित किया, मगर अंतराल के बाद परिचालन सामान्य हो गया। राजधानी में डाक बंगला चौराहे पर भारी संख्या में पुलिस बलों की बंदोबस्ती रही। खुद डीएम और एसएसपी मुस्तैद रहे।

भाकपा माले (लिबरेशन) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य और राज्य सचिव कुणाल, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार तथा अन्य वाम नेताओं के नेतृत्व में अलग-अलग जत्थे में गांधी मैदान से जुलूस निकाला गया, जो डाकबंगला चौराहे पर आकर सभा में बदल गया। सभा के बाद सभी नेताओं ने गिरफ्तारी दी।

इससे पहले सभा को संबोधित करते हुए दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आने वाले समय में यह आंदोलन तेज होगा। वाम दलों ने बंद के दौरान करीब 2000 नेताओं-कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का दावा किया।

राजधानी पटना में सुबह से ही बंद समर्थकों ने जुलूस निकाल कर प्रमुख मार्गों पर वाहनों का परिचालन बाधित किया। रेलवे ट्रैक को जाम किया। इसके चलते विभिन्न रूटों पर दर्जनों ट्रेनें विलंबित रहीं। राजधानी में ऑटो रिक्शा और बसों का परिचालन मामूली तौर प्रभावित हुआ। पटना से लम्बी दूरी की यात्रा पर जाने वाली बसें भी प्रभावित हुईं।

राजधानी की प्रमुख सड़कों पर व्यावसायिक प्रतिष्ठान आंशिक रूप से बंद रहे। माकपा के अवधेश कुमार, माले के कुणाल, भाकपा के सत्यनारायण सिंह ने बिहार बंद को सफल बताते हुए इसके लिए राज्य की जनता को बधाई दी। कहा कि जनता ने बंद का पूरा समर्थन किया।

वाम दलों के मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक सिवान, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगडिय़ा, चम्पारण, बेतिया, पूर्णिया, भागलपुर, कटिहार, नालन्दा, गया, जहानाबाद, सासाराम, आरा और नवादा में बन्द का असर हुआ। बंद कराने में किसानों, खेत मजदूरों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों एवं महिलाओं की भी भागीदारी रही।

बेतिया के मैनाटांड में माले ने सड़क जाम किया। सिवान में वाम कार्याकर्ताओं ने स्कूल बसें रोक दीं, जिससे सैकड़ों बच्चे स्कूल नहीं जा सके। वाम दलों ने खगडि़या में भी बाजार बंद करा दिया।

बंद समर्थकों ने जहानाबाद व आरा में ट्रेनों का परिचालन बाधित किया। उन्होंने सहरसा के व्यस्त डीबी रोड को भी जाम रखा। मधेपुरा में भी बंद का असर दिखा। वाम दलों ने वहां चौसा में सड़क जाम किया।

उधर, उन्होंने कटिहार के शहीद चौक को जाम कर वाहनों का परिचालन ठप करा दिया। कटिहार मुख्यालय व बारसोई में बाजार बंद रहा। लखीसराय के शहीद द्वार पर वाम दलों ने शहर के प्रवश द्वार को घंटों जाम रखा।

वाम समर्थकों ने बक्सर, छपरा व दरभंगा में भी कई जगह सड़क जाम किया। उन्होंने छपरा में ट्रेन परिचालन बाधित कर दिया। वहां संपर्क क्रांति एक्सप्रेस घंटों रोककर रखी गई। सीतामढ़ी, अररिया व फॉरबिसगंज में भी बंद का असर दिखा।

ये रहीं प्रमुख मांगें भूमि अधिग्रहण विधेयक को वापस ले केन्द्र।कृषि संकट का हो समाधान, खाद्य सुरक्षा कानून को सही तरीके से करें लागू।फसल क्षति का मुआवजा दें। महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले को रोकें। ठेका मजदूरों का हो स्थायीकरण, समान काम के लिए मिले समान वेतन, सबों के लिए लागू हो पेंशन भूमि सुधार कानून को लागू करें। आवासहीनों को आवास की जमीन मुहैया कराएं। मुफ्त शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधा आम लोगों को दें।

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