नहीं लिया सबकः 400 मैनहोल के बन गए ढक्कन पर कौन उठाए बंद करने की जहमत
पटना में लगातार मैनहोल में गिरकर चुटहिल होते लोगों को देखकर भी नगर निगम नहीं चेत रहा। खुले मैनहोल के ढक्कन बन जाने के बाद भी इसे बंद करने की जहमत नहीं उठाई जा रही।
पटना, जेएनएन। संप हाऊस में गिरे दीपक का मामला हो या गड्ढ़ों में गिरकर रोजाना चुटहिल होते लोग। पटना नगर निगम रोजाना अपनी किरकिरी कराता रहता है। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों खुले मैनहाल फिर किसी बड़ी घटना को दावत दे रहे हैं। राजधानी के छह अंचलों नूतन, कंकड़बाग, बांकीपुर, पटना सिटी, अजीमाबाद और पाटलिपुत्र निगम अंचल में खुले एक हजार मैनहोल को ढकने के लिए 400 ढक्कन बनकर तैयार हो चुके हैं। शेष ढक्कन का निर्माण जारी है।
परंतु अभी तक किसी भी अंचल के कार्यपालक अभियंता या कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा ढक्कन की मांग की मांग नहीं की गई है। जाहिर है अभी तक खुले मैनहोल पर ढक्कन लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री का निर्देश कि 31 दिसंबर तक राजधानी में खुले हुए एक हजार मैनहोल पर ढक्कन लगाने के निर्देश पर ग्रहण लग सकता है। सीएम के निर्देश के बाद एचएनसी नाम की कंपनी को इसका ठेका दिया गया।
एक हजार ढक्कन बनाने में हुए 60 लाख खर्च
बांकीपुर अंचल में कंपनी द्वारा ढक्कन निर्माण का काम चल रहा है। इसके बाद आर्य समाज रोड स्थित निगम की जमीन पर ढक्कन का निर्माण होगा। प्रति ढक्कन 5-7 हजार रुपये का खर्च आ रहा है। लिहाजा एक हजार ढक्कन बनाने में औसतन लगभग 60 लाख रुपये खर्च होंगे। इसके पूर्व अंचल स्तर ढक्कन निर्माण का काम होता था। इसके लिए एस्टीमेट बनाया जाता था। बिल पास होने पर निर्माण किया जाता था। परंतु अब किसी भी अंचल को ढक्कन की जरुरत होगी उसे बांकीपुर अंचल के अधिकारियों को लिखित देना होगा इसके बाद उसे ढक्कन उपलब्ध करा दिया जाएगा। कंपनी द्वारा ढक्कन निर्माण किया जाता रहेगा।
31 दिसंबर तक काम होने की हो रही बात
इस बाबत पटना नगर निगम के महापौर सीता साहू ने कहा कि हर हाल में मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन किया जाएगा। 31 दिसंबर तक सभी एक हजार मैनहोल पर ढक्कन लगा दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि निगम द्वारा सिटी ऑफ पटना एप के माध्यम से राजधानीवासी अपने मुहल्ले और इलाके की समस्याओं को भेजे। जिस पर त्वरित कार्रवाई की जायेगी।