Makar Sankranti 2020: स्नान के लिए पटना के गंगा घाटों पर बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु

Makar Sankranti 2020 दान-पुण्य का महापर्व मकर संक्रांति बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। ठंड को दरकिनार करते हुए राजधानी के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालु ने स्नान किया।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Wed, 15 Jan 2020 10:03 AM (IST) Updated:Wed, 15 Jan 2020 02:21 PM (IST)
Makar Sankranti 2020: स्नान के लिए पटना के गंगा घाटों पर बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु
Makar Sankranti 2020: स्नान के लिए पटना के गंगा घाटों पर बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु

पटना, जेएनएन। Makar Sankranti 2020: दान-पुण्य का महापर्व मकर संक्रांति बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। कड़ाके की ठंड को दरकिनार करते हुए पटना के गंगा घाटों में सुबह से ही श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए पहुंचे।

कृष्णा घाट, एनआइटी घाट, एलसीटी घाट, काली घाट, कलेक्ट्रेट घाट, पहलेजा घाट दीघा घाट आदि में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। साथ ही मंदिरों में भगवान की पूजा-अर्चना के साथ तिल से बनी वस्तुओं का दान किया गया।

खिचड़ी दान करने का महत्व

बुधवार को सूर्योदय से ही संक्रांति का पर्व आरंभ हो गया था। संक्रांति पर सुबह 7:19 से 12:31 तक दान-पुण्य के लिए सही समय निर्धारित था। संक्रांति के दिन तिल से निर्मित वस्तु के साथ खिचड़ी का दान करने का विशेष महत्व रहा। संक्रांति के बाद सभी मांगलिक कार्य आरंभ हो गए हैं। इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है।

दान-पुण्य के साथ की पूजा

संक्रांति के दिन भगवान सूर्य का राशि परिवर्तन हो गया है। सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर गए हैं। शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात के तौर पर माना जाता है। पंडित राकेश झा ने कहा कि बुधवार को भगवान सूर्य 7:52 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। बुधवार को शोभन योग में मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया। दिनभर लोगों ने संक्रांति पर गंगा स्नान करने के साथ दान-पुण्य करने के साथ मंदिरों में भगवान की पूजा-अर्चना करते रहे।

आसमान में दिखी पतंग

मकर संक्रांति के मौके पर शहरवासी पतंगों की डोर से आसमान को नापते नजर आए। पर्व के खास मौके को देखते हुए एक दिन पहले मंगलवार को शहर के अलग-अलग हिस्सों में पतंग की दुकानों पर खूब रौनक रही। लोगों ने कार्टून कैरेक्टर और क्रिकेटरों की तस्वीरों वाली पतंगों को खरीदने में तवज्जो दी।

बाजार में मोटू-पतलु और डोरिमोन की तस्वीरों वाली पतंगों को पसंद किया। मांझा डोर और लटाई के साथ इन पतंगों की कीमत 100 रुपये तक रही।

हालांकि बाजार में इससे ज्यादा कीमत की पतंगें भी बिकीं। कदमकुआं में अपनी दुकान चलाने वाले रवि कुमार ने बताया कि पहले की अपेक्षा पतंग की मांग कम रही। प्लेन और प्लास्टिक वाली पतंग की मांग दिखी।

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