Maghi Purnima: शुभ मुहूर्त में शुरू हुआ गंगा स्नान, मंदिरों में पूजा के बाद किया दान-पुण्य
माघी पूर्णिमा के मौके पर राजधानी में सुबह से ही श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। बड़ी संख्या में लोगों ने पटना के गंगाघाटों पर पहुंचकर स्नान किया।
पटना, जेएनएन। सनातन धर्मावलंबियों के पवित्र मास माघ की पूर्णिमा रविवार को मनाई गई। माघी पूर्णिमा के मौके पर राजधानी में सुबह से ही श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाते रहे। बड़ी संख्या में लोगों ने पटना के गंगाघाटों पर पहुंचकर स्नान किया। स्नान के बाद दान-पुण्य भी किया गया। दिन चढ़ने के साथ घाटों पर लोगों का जुटान होता गया, जो देर शाम तक जारी रहा।
अन्न व वस्त्र का किया गया दान
गंगा स्नान के बाद मंदिरों में पूजा-अर्चना की गई। साथ गरीबों को अन्न व वस्त्र का भी दान किया गया। धार्मिक मान्यता के अनुसार माघ मास में देवता पृथ्वी पर निवास करते हैं। वहीं इस दिन संगम में स्नान करने का बड़ा महत्व है। राजधानी के कालीघाट, एनआइटीघाट दीघा घाट, पाटलिपुत्रा घाट, कुर्जी घाट, गांधी घाट, बदर घाट, कंगन घाट आदि गंगा घाटों पर लोग स्नान के लिए जुटते रहे।
स्नान का शुभ मुहूर्त
पंडित राकेश झा ने बताया कि यह मास भगवान विष्णु और सूर्य का माह माना गया है। माघ पूर्णिमा आठ फरवरी को चार बजकर तीन मिनट से शुरु होकर नौ फरवरी को दोपहर 1 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगी। माघी पूर्णिमा के दिन कल्पवास का समापन होता है। वहीं इस दिन भगवान हरि जल में निवास करते हैं। माघी पूर्णिमा के दिन सुबह गंगा नदी में स्नान कर मंदिरों में भगवान की पूजा अर्चना करने के साथ विशेष रूप से भगवान हरि का कीर्तन कर सकते हैं।
सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना शुभ
माघी पूर्णिमा के दिन घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा सुनी गई। कहते हैं सत्यनारायण की कथा सुनने से सुख-शांति का वातावरण बना रहता है। ऐसी मान्यता है कि चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त शोभायमान होते हैं। पूर्ण चंद्रमा का अमृत वर्षा करने के कारण इसके अंश वृक्ष, नदियों और वनस्पतियों पर पड़ता है। जिससे मनुष्य को आरोग्यता की प्राप्ति होती है।