निगरानी ने शुरू की पूछताछ तो पानी मांगते नजर आए मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद
Corruption Charges on MU VC मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद पर हैं भ्रष्टाचार के आरोप 30 करोड़ की हेरफेर मामले में एसवीयू के सामने पेश हुए कुलपति अधिकारियों के सवालों पर छूटा पसीना पूछताछ के लिए दोबारा भी बुलाए जाएंगे राजेंद्र प्रसाद
पटना, राज्य ब्यूरो। 30 करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी में फंसे मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद आखिरकार विशेष निगरानी इकाई के समक्ष पेश हुए। इससे पहले उन्हें बुलाए जाने पर वे गैरहाजिर रहे थे। पटना हाई कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने के बाद वे निगरानी के सामने आए। निगरानी के जांच अधिकारी ने उनसे करीब डेढ़ घंटे तक विभिन्न अनियमितताओं को लेकर अधिकारियों ने प्रश्न दागे। दूसरों से सवाल करने वाले कुलपति का जब सवालों से सामना हुआ, तो पसीना छूटने लगा। जांच पदाधिकारी को अदालती काम पड़ा, लिहाजा कुलपति जल्दी में ही मुक्त हो गए। उन्हें जल्द ही पूछताछ के लिए दोबारा हाजिर होना पड़ेगा।
करीब डेढ़ घटे तक चली पूछताछ
विशेष इकाई से मिली जानकारी के अनुसार कुलपति राजेंद्र प्रसाद तकरीबन पौने 12 बजे एसवीयू कार्यालय पहुंचे। 12.30 बजे से पूछताछ शुरू हुई और डेढ़ बजे समाप्त हुई। केस के जांच अधिकारी सुधीर कुमार (डीएसपी) ने उनसे पूछताछ शुरू की। उनसे सबसे पहले 30 करोड़ से अधिक की अनियमितता के बारे में विस्तार से जानकारी ली गई। इसके बाद विवि लाइब्रेरी के लिए अनावश्यक किताबों के साथ परीक्षा की ओएमआर शीट की छपाई, अन्य मदों में किए गए भुगतान से जुड़े प्रश्न किए गए। कुलपति के पास किसी भी प्रश्न का सही और ठोस जवाब नहीं था। वे कुछ-कुछ अंतराल पर पीने के लिए पानी की भी मांग कर रहे थे। अपने जवाब से वे अधिकारी को संतुष्ट नहीं कर पा रहे थे।
घर से बरामद विदेशी करेंसी पर भी मांगी जानकारी
जांच अधिकारी ने कुलपति राजेंद्र प्रसाद से उनके घर से बरामद 95 लाख नकद के अलावा विदेशी मुद्रा के बारे में भी जानकारी मांगी। उनसे पूछा गया इतनी बड़ी रकम कहां से उनके पास आई। इसका जवाब कुलपति के पास नहीं था। हालांकि नकद राशि को वह अपने जीवन भर की कमाई बताते रहे।
फिर बुलाए जाएंगे, होगी दोबारा पूछताछ
राजेंद्र प्रसाद से गुरुवार की पूछताछ अधूरी रही। उन्हें अब दोबारा पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जाएगा। उन्होंने जिन प्रश्नों के उत्तर दिए पहले उनका विश्लेषण किया जाएगा। बता दें कि 30 करोड़ की अनियमितता के मामले में पिछले वर्ष 17 सितंबर विशेष निगरानी इकाई ने इनके गया, बोधगया के साथ गोरखपुर के ठिकानों पर छापा मारा था। कार्रवाई में उनके पास से बड़ी मात्र में नकद के अलावा काफी धन-संपदा बरामद की गई थी। इस वर्ष तीन जनवरी को पहली बार उन्हें पहली बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था। वे हाजिर नहीं हुए। तब उन्हें 20 जनवरी को हाजिर होने नोटिस भेजा गया।