Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का टिकट जदयू ने काटा, झारखंड के खीरू महतो बने राज्यसभा प्रत्याशी

Bihar politics जनता दल यूनाइडेट (जदयू) ने केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को टिकट काट दिया है। उनकी जगह झारखंड के खीरू महतो को राज्यसभा के लिए पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। खीरू अभी झारखंड जदयू के प्रदेश अध्यक्ष हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 29 May 2022 07:39 PM (IST) Updated:Sun, 29 May 2022 07:39 PM (IST)
Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का टिकट जदयू ने काटा, झारखंड के खीरू महतो बने राज्यसभा प्रत्याशी
केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और जदयू के राज्यसभा प्रत्याशी खीरू महतो। जागरण आर्काइव। -

राज्य ब्यूरो, पटना : आखिरकार केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह का राज्यसभा का टिकट कट ही गया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने देर शाम रविवार को यह एलान किया कि झारखंड प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो को पार्टी राज्यसभा भेजेगी। जदयू के कोटे में केवल एक सीट है। रविवार को जब भाजपा ने अपने राज्यसभा के प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया तो उसके एक घंंटे के भीतर जदयू ने अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया। यह पहला मौका है जब जदयू ने बिहार के बाहर अपनी किसी प्रदेश इकाई के पदाधिकारी को राज्यसभा भेजा है।

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राज्यसभा प्रत्याशी का नाम तय किए जाने को ले यह पहली बार हुआ कि पिछले दिनों जदयू विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री आवास में बुलाई गई। ललन सिंह की मौजूदगी में जदयू के सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री को राज्यसभा प्रत्याशी का नाम तय करने के लिए अधिकृत कर दिया था। उसी समय से यह अटकलें लग रही थीं कि आरसीपी सिंह का टिकट कट सकता है। प्रत्याशी के नाम की घोषणा में हो रहे विलंब की वजह भी यही थी।

अब केंद्र में मंत्री नहीं रहेंगे आरसीपी

आरसीपी सिंह ने तीन दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भेंट की थी। अपने समर्थकों को उन्होंने यह आश्वस्त किया था कि वे राज्यसभा जा रहे हैं, पर राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा आम हो चुकी थी कि आरसीपी सिंह को इस बार जदयू राज्यसभा नहीं भेजेगी। वह दो टर्म राज्यसभा में रह चुके हैं। केंद्र में मंत्री बनने के पूर्व वे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता भी रह चुके हैं। एक जमाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वह प्रधान सचिव भी थे। राज्यसभा का टिकट कट जाने के बाद अब यह तय हो गया है कि वे अब केंद्र में मंत्री नहीं रहेंगे। प्रधानमंत्री अगर चाहें तो वे अधिकतम छह महीने तक मंत्री रह सकते हैं। उनका राज्यसभा का कार्यकाल जुलाई में खत्म हो जाएगा।

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