Bihar News: शिक्षा पर अपडेट! अब डिग्री कॉलेजों में पढ़ाई नहीं कर पाएंगे इंटरमीडिएट के छात्र, नए सत्र से योजना होगी लागू

बिहार में डिग्री कॉलेजों में 11वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे छात्र व छात्राएं अब डिग्री कॉलेजों में नहीं पढ़ पाएंगे। स्टूडेंट्स अब 11वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करनी होगी। नए शैक्षणिक सत्र से ही प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी तरह से अलग हो जाएगी और यह स्कूल की शिक्षा का हिस्सा बन जाएगी।

By Dina Nath Sahani Edited By: Shoyeb Ahmed Publish:Sun, 17 Mar 2024 07:06 PM (IST) Updated:Sun, 17 Mar 2024 07:06 PM (IST)
Bihar News: शिक्षा पर अपडेट! अब डिग्री कॉलेजों में पढ़ाई नहीं कर पाएंगे इंटरमीडिएट के छात्र, नए सत्र से योजना होगी लागू
नए सत्र से डिग्री कॉलेजों में पढ़ाई नहीं कर सकेंगे इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राएं (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में नए शैक्षणिक सत्र से ही इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी तरह से अलग हो जाएगी। यह स्कूली शिक्षा का हिस्सा बन जाएगी। इससे इसी वर्ष से डिग्री कॉलेजों में 11वीं कक्षा में नामांकन बंद हो जाएगा।

अभी डिग्री कॉलेजों में 11वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को 12वीं कक्षा की पढ़ाई भी उन डिग्री कॉलेजों में नहीं कर पाएंगे। उन्हें 12वीं कक्षा की पढ़ाई उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करनी होगी। शिक्षा विभाग के मुताबिक राज्य के 1,997 डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद होगी।

बिहार इंटरमीडिएट शिक्षा परिषद को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में किया विलय

यहां बता दें कि वर्ष 2005 में जब मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता संभाली और डॉ. मदन मोहन झा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव बने, तो बिहार इंटरमीडिएट शिक्षा परिषद को विघटित कर उसका विलय बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में किया गया। इससे इंटरमीडिएट की शिक्षा व्यवस्था बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के हाथों में दे दी गयी। यह भी तय हुआ कि इंटरमीडिएट की पढ़ाई को डिग्री कॉलेजों से अलग किया जाए।

पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई हुई थी बंद

इस निर्णय के तहत वर्ष 2006 में पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद की गयी। इसके साथ ही सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए उत्क्रमित किया गया। वर्ष 2007 से शेष विश्वविद्यालयों के डिग्री कॉलेजों में भी इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करने का नीतिगत फैसला लिया गया।

लेकिन डॉ. मदन मोहन झा के असामयिक निधन के चलते यह कार्यान्वित नहीं हो पाया। इस बीच राज्य के सभी पंचायत में इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए सरकारी स्कूल उत्क्रमित कर उसे संसाधनों से युक्त किया गया। इसके बाद शिक्षा विभाग ने नये सत्र से डिग्री कॉलेजों से इंटरमीडिएट की पढ़ाई को अलग करने का फैसला लिया।

शिक्षा विभाग का यह है निर्देश

माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव के निर्देश के मुताबिक 1 अप्रैल, 2024 से 15 अप्रैल, 2024 तक जो विद्यार्थी 11वीं कक्षा में जिस डिग्री कालेज में अध्ययनरत हैं, उनका पठन-पाठन उसी महाविद्यालय में होगा।

लेकिन, उन विद्यार्थियों का नामांकन कक्षा-12 में जिस उच्च माध्यमिक विद्यालय में होगा, उस उच्च माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थी 16 मई, 2024 से (ग्रीष्मावकाश पूरा होने के बाद) पढ़ाई करेंगे। इसके साथ ही डिग्री कॉलेज अब मैट्रिक एवं इंटर परीक्षा केंद्र भी नहीं बनाये जाएंगे। अगले साल होने वाली मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षा केंद्र उन उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बनाये जाएंगे।

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