शराब व बालू से प्रत‍िबंंध हटाकर अर्थव्‍यवस्‍था सुधारे नीतीश की सरकार, लालू प्रसाद के साले ने की मांग

लालू प्रसाद के साले और पूर्व सांसद साधु यादव ने राज्‍य व केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। खासकर बिहार में बालू और शराबबंदी को लेकर उन्‍होंने राज्‍य सरकार पर हमले किए। कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था को इस सरकार ने बर्बाद कर दिया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 11:19 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 12:03 PM (IST)
शराब व बालू से प्रत‍िबंंध हटाकर अर्थव्‍यवस्‍था सुधारे नीतीश की सरकार, लालू प्रसाद के साले ने की मांग
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और साधु यादव। फाइल फोटो

उचकागांव (गोपालगंज), संवाद सूत्र। प्रखंड के सांखे खास पंचायत अंतर्गत गुरमा गांव पहुंचे पूर्व सांसद अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव (Ex MP Sadhu Yadav) ने बिहार की नीतीश सरकार और केंद्र सरकार (Bihar and Central Government) के विरुद्ध जमकर हमला बोला। कहा कि इन दोनों सरकारों ने देश और राज्‍य को बर्बाद कर दिया है। बालू व शराबबंदी (Ban on Sand and Liquor) से बिहार की अर्थव्यवस्था पूरी तरीके से चौपट हो गई है। बालू पर रोक की वजह से बड़ी संख्‍या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। उनके समक्ष खाने के संकट हो गए हैं। लेकिन सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है। उन्‍होंने कहा कि सरकार को बालू और शराब से प्रतिबंध हटाना चाहिए। 

बिहार के सोना पर सरकार ने लगा दिया है पहरा 

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद (RJD Supremo Lalu Prasad) के साले साधु यादव ने कहा कि बालू को बिहार में सोना कहा गया है। लेकिन इसी सोना पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। बालू पर प्रतिबंध लगने से जहां एक तरफ बालू की महंगाई चरम पर है। वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्‍या में लोगों का रोजी-रोजगार छिन गया है। नदी से बालू निकालने वाले से लेकर नाव चलाने वालों तक का रोजगार बंद हो गया है। बालू पर प्रतिबंध का व्‍यापक असर प्रदेश में भवन निर्माण पर भी पड़ा है। लेकिन सरकार पूरी तरह बेपरवाह हो गई है। 

राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था बिगाड़ने में लगी है सरकार  

साधु यादव ने कहा कि जो स्थिति है सरकार को बालू ओर शराब से प्रतिबंध हटाकर राज्‍य की अर्थव्यवस्था (Economy of Bihar) के बारे में सोचना चाहिए था। परंतु इसके बजाए बिहार की नीतीश सरकार (Nitish Kumar Government) अर्थव्यवस्था बिगाड़ने का काम कर रही है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार कोरेाना की आड़ में सरकारी कंपनियों का निजीकरण कर रही है। यह अत्‍यंत चिंताजनक स्थिति है। उन्‍होंने कहा कि इसके खिलाफ आंदोलन की जरूरत है। मौके पर पूर्व मुखिया सुरेश यादव, इम्तियाज अहमद, प्रमोद सिंह, रमेश यादव, विशाल यादव, हरेश प्रसाद, संदीप यादव आदि मौजूद रहे।

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