प्रेमी का दांव पड़ गया उल्टा, अदालत पहुंच प्रेमिका ने फेसबुकिया प्यार को बताया मनगढ़ंत
अगर आप फेसबुक को अपने प्यार का आधार मान रहे हैं तो सावधान हो जाइए। ताजे मामले में एक प्रेमिका ने कोर्ट पहुंच फेसबुकिया प्रेम को मनगढ़ंत बता दिया है।
पटना, जेएनएन। अदालत को गुमराह करने की कोशिश करने वाले को याचिका दायर करना मंहगा पड़ सकता है। आप भी सावधान हो जाएं। फेसबुक के माध्यम से प्यार के बाद शादी का दावा करने वाले प्रेमी का दांव उस समय उल्टा पड़ गया जब अदालत पहुंची लड़की ने सारी बातों को मनगढ़ंत करार दिया।
समस्तीपुर के मालती चौक, बदौलिया में रहने वाले विभाष कुमार मिश्र नाम के एक नवयुवक ने पटना हाईकोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर आरोप लगाया कि उसने एक लड़की से उसके मां-बाप की इच्छा के विरुद्ध शादी की थी। फेसबुक के जरिये उस लड़की से पहले प्रेम हुआ फिर हिन्दू रीति रिवाज से शादी कर ली। लेकिन अब उसके मां-बाप ससुराल आने नहीं दे रहे हैं।
आई थी संपर्क में पर शादी जैसी नहीं थी बात
बेगुसराय के एसपी के माध्यम से अदालत में बुलाई गई लड़की से खंडपीठ ने वास्तविकता की जानकारी ली। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एपी शाही एवं न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ में चल रही थी। लड़की ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने नौकरी दिलाने के नाम पर उसका सर्टिफिकेट एवं 10000 रूपये का ड्राफ्ट लिया था। वह उसके सम्पर्क में जरूर आई थी लेकिन शादी जैसी कोई बात नहीं है। वह अपने मां-पिता जी के साथ आराम से रह रही है। जबकि लड़के ने बताया था कि उसकी पहली शादी पूनम देवी से हुई थी लेकिन उससे उसका तलाक हो चुका है। हालांकि इस आशय का उसने कोई ठोस कागज कोर्ट को नहीं दिखाया था।
अदालत ने इस सारे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए याचिकाकर्ता पर गुरुवार को आरोप गठित करते हुए शुक्रवार को साढ़े दस बजे सजा देने का एलान किया।