पीएमसीएच में बदले जाएंगे फायर फाइटिंग के उपकरण
पीएमसीएच में जल्द ही फायर फाइटिंग की सभी मशीनें बदली जाएंगी।
पटना। पीएमसीएच में जल्द ही फायर फाइटिंग की सभी मशीनें बदली जाएंगी। इसके अलावा आपदा प्रबंधन विभाग से सर्वे कराकर अस्पताल में फायर फाइटिंग की मशीनें बढ़ाई जाएंगी। साथ ही किसी भी आपदा से निपटने के लिए पीएमसीएच की इमरजेंसी में चार और द्वार बनाए जाएंगे।
पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ.एसएन सिन्हा का कहना है सूबे के सबसे बड़े अस्पताल में फायर फाइटिंग की व्यवस्था चुस्त की जाएगी। अस्पताल में लगाई गई अधिकांश मशीनें पुरानी पड़ चुकी हैं, उन्हें बदलने का निर्देश दिया गया है। साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग से एक-दो दिनों में अस्पताल में सर्वे कराया जाएगा ताकि यहां पर कितने फायर फाइटिंग की मशीन लगाने की जरूरत है। उसके अनुसार से नई मशीनें लगाई जाएंगी।
इमरजेंसी में होगी 20 मशीन की व्यवस्था
प्राचार्य ने कहा कि पीएमसीएच की इमरजेंसी को सबसे पहले फायर फाइटिंग से सुरक्षित किया जाएगा। उसके बाद वार्डो में काम होगा। इमरजेंसी में कम से कम बीस फायर फाइटिंग की मशीनें लगाई जाएंगी। इसके अलावा जरूरत के अनुसार राजेंद्र सर्जिकल, हथुआ वार्ड, टाटा वार्ड, ओपीडी, लाइब्रेरी, कॉमन रूम एवं विभिन्न विभागों में फायर फाइटिंग की व्यवस्था करने की तैयारी चल रही है।
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पीएमसीएच इमरजेंसी में बनेंगे चार नए द्वार
पीएमसीएच के प्राचार्य का कहना है कि किसी भी आपदा के समय सबसे पहले मरीज पीएमसीएच इमरजेंसी में आते हैं। उस समय यहां पर काफी भीड़ हो जाती है। मरीजों को आने और जाने में किसी को परेशानी नहीं हो इसके लिए चार नए द्वार बनाने का निर्णय लिया गया है। एक द्वार पैथोलॉजी जांच के समीप बनाया जाएगा, ताकि जांच के लिए मरीजों को ले जाने में आम मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। दूसरा द्वार इमरजेंसी के पश्चिमी भाग में बनाया जाएगा ताकि आपदा के समय मरीजों को सीधे इमरजेंसी में भर्ती किया जा सके। तीसरा द्वार वार्ड के समीप बनेगा, जिन मरीजों को सीधे वार्ड में भेजने की जरूरत होगी, उन्हें इधर-उधर नहीं भटकना होगा। चौथा द्वार पीएमसीएच के कंट्रोल रूम के समीप बनेगा। प्राचार्य का कहना है कि चारों द्वार बनाने के लिए भवन निर्माण विभाग को निर्देश दिया जा चुका है। एक माह के अन्दर सभी द्वार बन जाएंगे।