हड़ताल में मरीज की मौत के लिए जिम्मेदार डॉक्टर पर होगा केस

अस्पताल अधीक्षक ने हड़ताल के लिए जिम्मेदार लोगों पर भी केस की कही बात - एनएमसीएच इमरजें

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Aug 2018 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 15 Aug 2018 06:00 AM (IST)
हड़ताल में मरीज की मौत के लिए जिम्मेदार डॉक्टर पर होगा केस
हड़ताल में मरीज की मौत के लिए जिम्मेदार डॉक्टर पर होगा केस

पटना सिटी : एनएमसीएच की इमरजेंसी में पिछले दिनों महिला मरीज की मौत पर परिजनों द्वारा पीजी डॉक्टर के साथ मारपीट करने एवं विरोध में पीजी डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान सात वर्षीय एक बच्ची की मौत के मामले को अस्पताल प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। अधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि दोनों ही परिस्थिति मरीजों व डॉक्टरों के लिए उचित नहीं है। हड़ताल के दौरान किसी मरीज की मौत होने पर हड़ताली डॉक्टरों के साथ हड़ताल की वजह बनने वाले लोगों पर भी केस होगा। बिहार मेडिकल सर्विस इंस्टिट्यूशन एण्ड पर्सन प्रोटेक्शन एक्ट 2011 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी।

अधीक्षक ने बताया कि इमरजेंसी में चिकित्सकीय व्यवस्था बाधा रहित चल सके, इसके लिए अलार्म सिस्टम लगाया गया है। भीड़ द्वारा किसी डॉक्टर, नर्स या कर्मी के साथ बदसलूकी करने एवं व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने या इलाज में बाधक बनने पर पीड़ित द्वारा अलार्म बजाते ही सुरक्षा कर्मी अस्पताल की घेराबंदी कर आरोपित को दबोच लेंगे। इस बाबत सुरक्षा कर्मियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिया जा रहा है।

अधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि मेन गेट पर उच्च क्षमता वाला कैमरा लगाया गया है। आते-जाते लोग व वाहन के नंबर की यह साफ तस्वीर रिकार्ड करेगा। यह भी कहा कि अस्पताल का मेन गेट ओपीडी के समय यानी सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक आधा बंद रहेगा। दोपहर से लेकर अगली सुबह आठ बजे तक दोनों गेट बंद रहेगा। यहां तैनात सुरक्षा कर्मी एम्बुलेंस व मरीज के वाहनों तथा परिजनों की इंट्री कराकर उसका रिकार्ड दर्ज करेंगे। अधीक्षक ने बताया कि सेंट्रल इमरजेंसी के बाद गायनी इमरजेंसी, शिशु रोग इमरजेंसी में भी अलार्म सिस्टम लगाया जाएगा।

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