बिहार में अभी तेज होगा किसान आंदोलन- CPI ML की किसान संघर्ष यात्रा 15 से 28 दिसंबर तक, 29 को राजभवन मार्च

सीपीआइ एमएल किसानों के लिए आंदोलन तेज करेगी। पार्टी आगामी 15 से 28 दिसंबर तक पूरे राज्य में किसान बचाओ-देश बचाओ अभियान के तहत किसान संघर्ष यात्रा निकालेगी। इसके बाद 29 दिसंबर को पार्टी राजधानी पटना में राजभवन मार्च का आयोजन करेगी।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sun, 13 Dec 2020 02:53 PM (IST) Updated:Sun, 13 Dec 2020 02:54 PM (IST)
बिहार में अभी तेज होगा किसान आंदोलन- CPI ML की किसान संघर्ष यात्रा 15 से 28 दिसंबर तक, 29 को राजभवन मार्च
किसान आंदोलन की योजना की जानकारी देते सीपीआइ एमएल के नेता। तस्‍वीर: जागरण।

पटना, राज्य ब्यूरो। भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी (CPI ML) ने किसानों के अधिकारों को लेकर आंदोलन तेज करने की घोषणा की है। पार्टी के राज्य सचिव कुणाल ने रविवार को कहा कि सरकार किसानों के चल रहे आंदोलन की समस्या को हल करने में अपनी विफलता से ध्यान हटाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। जबकि, उसका असली मकसद भारतीय व विदेशी कारपोरेट को बढ़ावा देना और देश की खेती-किसानी को बर्बाद करना है। किसान आंदोलन और तेज होगा। 29 दिसंबर को राजभवन मार्च का आयोजन किया जाएगा। इसके पहले 15 से 28 दिसंबर तक राज्य में किसान बचाओ-देश बचाओ अभियान के तहत किसान संघर्ष यात्रा निकाली जाएगी। नुक्कड़ सभाओं का आयोजन कर तीनों काले कृषि कानूनों व प्रस्तावित बिजली बिल 2020 की सच्चाई से किसानों को वाकिफ करवाया जाएगा।

हर गांव में होगा किसान पंचायत का आयोजन

कुणाल ने कहा कि हरेक गांव में किसान पंचायतों का भी आयोजन होगा और वहां से इन कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किये जाएंगे।  हरेक पंचायत में मोदी-अमित शाह का पुतला दहन करने का भी निर्णय लिया गया है।  18 दिसंबर को भारतीय नृत्य कला मंदिर में पार्टी के पूर्व महासचिव विनोद मिश्र के स्मृति दिवस पर  संकल्प सभा का आयोजन किया जाएगा। इसमें राज्यस्तर के प्रमुख कार्यकर्ता भाग लेंगे। मुख्य वक्ता के बतौर पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य शामिल होंगे।

विधायकों व कार्यकर्ताओं की कार्यशाला 19 को

19 दिसंबर को पार्टी के राज्य कार्यालय में विधायी कार्यों में पार्टी के कारगर हस्तक्षेप हेतु विधायकों और विधायक क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की एक कार्यशाला आयोजित होगी। राज्य स्थायी समिति ने नए वर्ष में भाकपा-माले की 50 हजार सदस्यता और बढ़ाने का निर्णय किया। अभी पार्टी की सदस्यता तकरीबन 1 लाख है। इसे अगले वर्ष के अंत तक डेढ़ लाख कर लेने की योजना पर बात हुई। साथ ही यह भी तय हुआ कि नौजवानों, छात्रों, किसानों, स्कीम वर्करों, आशाकर्मियों, आंगनाबाड़ी, रसोइयों, ग्रामीण मजदूरों आदि तबकों के बीच संगठन का विस्तार किया जाएगा और इन तबकों में जनसंगठनों का संदस्यता अभियान चलाया जाएगा। युवा संगठन इनौस ने राज्य के कई प्रमुख इलाकों में युवा कन्वेंशन का आयोजन कर रही है।

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