बिहार में गरीबों के राशन पर केंद्र और राज्य में तकरार, मामला पहुंचा PM मोदी के पास

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) को लेकर गरीब लोगों में खाद्यान्न वितरण की योजना को लेकर केद्र सरकार और राज्य सरकार के मंत्रियों के बीच ठन गई है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Sun, 03 May 2020 05:45 PM (IST) Updated:Mon, 04 May 2020 11:00 AM (IST)
बिहार में गरीबों के राशन पर केंद्र और राज्य में तकरार, मामला पहुंचा PM मोदी के पास
बिहार में गरीबों के राशन पर केंद्र और राज्य में तकरार, मामला पहुंचा PM मोदी के पास

 राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के दायरे से बाहर 30 लाख नये परिवारों (कुल 1 करोड़ 50 लाख लोग) के मुद्दे पर केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान और बिहार के खाद्य मंत्री मदन सहनी आमने-सामने आ गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने मंत्री मदन सहनी को पत्र लिखकर एनएफएसए के नियमों के हवाले नये लाभुकों के लिए खाद्यान्न की मांग को खारिज कर दिया है और उलटे एनएफएसए के दायरे से बाहर 14 लाख 4 हजार लाभुकों (2011 की जनगणना के हिसाब से) की सूची भेजने का आग्रह किया है।

सहनी ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि बिहार के साथ भेदभाव हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की भी मांग की है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने 14 लाख 4 हजार लाभुकों के आंकड़े पीडीएस पोर्टल पर डालने की बात की है। यह सूची पहले ही केंद्र सरकार के पोर्टल पर उपलब्ध है।

अगली जनगणना तक नये लाभुकों के लिए रुकना होगा बिहार को

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार के मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून-2013, यूपीए सरकार में बना था। इस कानून में प्रावधान किया गया है कि लाभार्थियों की संख्या में कोई संशोधन अगली जनगणना के आंकड़े प्रकाशित होने के बाद संभव होगा।

वर्तमान में 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार को मिल रहा अनाज

 मदन सहनी ने बताया कि वर्तमान में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार केंद्र से अनाज प्राप्त हो रहा है। बिहार की जनसंख्या में वृद्धि के कारण 30 लाख नए गरीब परिवारों का नाम सामने आया है। बिहार के आंकड़े बिल्कुल दुरुस्त हैं। यह गणना दो स्तरों पर हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा-निर्देश पर गांवों में जीविका के माध्यम से तो शहरी क्षेत्रों में नगर विकास विभाग के माध्यम से गणना कार्य हुआ है।

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