मकर संक्रांति: सुबह में घाटों पर उमड़ा आस्‍था का सैलाब, दोपहर से पतंगबाजी का दौर

मकर संक्रांति के अवसर पर रविवार सुबह से गंगा घाटों पर आस्‍था का सैलाब उमड़ पड़ा। लोग स्‍नान-ध्‍यान व दान करते रहे। इसके बाद दोपहर से पतंगबाजी का भी दौर चला।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sun, 14 Jan 2018 10:30 AM (IST) Updated:Sun, 14 Jan 2018 06:54 PM (IST)
मकर संक्रांति:  सुबह में घाटों पर उमड़ा आस्‍था का सैलाब, दोपहर से पतंगबाजी का दौर
मकर संक्रांति: सुबह में घाटों पर उमड़ा आस्‍था का सैलाब, दोपहर से पतंगबाजी का दौर

पटना [जेएनएन]। मकर संक्रांति के अवसर पर रविवार को सुबह से पटना, भागलपुर व मुंगेर आदि के पावन गंगा घाटों पर स्नान करने हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाकर लोगों ने सूर्यदेव की आराधना की। इसके थोड़ी देर बाद पटना के गांधी मैदान सहित पूरे बिहार में जगह-जगह पतंगबाजी का भी दौर चला।

बिहार में अन्‍य नदी घाटों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती दिखी। इस दिन स्‍नान-ध्‍यान व दान का विशेष महत्‍व है। लोग पाप मुक्‍त हो जाते हैं। इसके लिए सुबह से ही लाेग आस्‍था की डुबकी लगाते रहे।

मकर संक्रांति के अवसर पर सुबह से पटना सिटी और फतुहा के विभन्न गंगा घाटों पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। श्रद्धालु स्‍नान-ध्‍यान व दान में जुटे रहे। इस दिन के दिन तिल के दान का बड़ा महत्व है। मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन तिल से बनी सामग्री ग्रहण करने से कष्टदायक ग्रहों से छुटकारा मिलता है।गंगा स्नान और दान-पुण्य से परिवार में सुख और शन्ति बनी रहती है।

संक्रांति के आखिरी दिन सूर्य भगवान दक्षिणायण से उत्तरायण हो जाते हैं। इससे दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। इसी दिन मलेमास भी समाप्त होता है और शुभ कार्य आरंभ हो जाते हैं।
इस साल मकर संक्रांति 14-15 जनवरी को पड़ा है। मकर संक्रांति की पुण्य बेला रविवार रात आठ बजे से शुरू हो कर सोमवार को भी है।

मकर संक्रांति के अवसर पर पतंगबाजी की भी परंपरा रही है। पटना में प्रशासनिक स्‍तर पर बड़े पैमाने पर पतंगबाजी का आयोजन किया जाता है। इस बार यह आयोजन पटना गांधी मैदान में हुआ। इसमें बड़ी संख्‍या में लोग पहुंचे।

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