पटना आने को एजाज ने बदली कई कार, हवाला के जरिए आता था पैसा-बेटी भी मांगती थी रंगदारी
पटना से गिरफ्तार किए गए दाऊद के गुर्गे एजाज का कारोबार काठमांडू तक फैला था। पटना से वो दरभंगा भागने की फिराक में था मगर मुंबई पुलिस पर उसकी पहले से ही नजर थी।
आशीष शुक्ल, पटना। राजधानी के व्यस्ततम इलाके मीठापुर बस स्टैंड के पास से दबोचा गया मुंबई का मोस्टवांटेंड गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला कई दिनों से नेपाल के काठमांडू में छिपा था। उसने नेपाल के पोखरा व काठमांडू में अपना कारोबार फैला रखा है। होटल में शेयर, सोना तस्करी सहित अन्य कारोबार में उसके पैसे लगे हैं। इसमें उसकी बेटी भी शामिल थी।
बेटी को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
मुंबई के फिल्म उद्योग और बड़े कारोबारियों से रंगदारी की रकम उस तक हवाला के जरिए पहुंच रही थी। हाल में उसकी बेटी सोनिया ने भी एक उद्योगपति से रंगदारी मांगी थी। वह भी पिता के पास नेपाल आने वाली थी मगर मुंबई क्राइम ब्राच की टीम ने सोनिया को छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से 29 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया था। इसकी जानकारी एजाज को मिलते ही वह नेपाल से निकलने की तैयारी में लग गया। एजाज को शक था कि पुलिस नेपाल में उसके ठिकाने तक पहुंच सकती है।
नेपाल से बाहर निकलने का इंतजार कर रही थी पुलिस
मुंबई पुलिस को भी पुख्ता सूचना मिल चुकी थी दो दशक से फरार एजाज नेपाल में ही है। मुंबई पुलिस ने गृह मंत्रालय को सूचना दी, जिसके बाद नेपाल में काम कर रही भारतीय खुफिया एजेंसी सक्रिय हुई। सूत्रों के अनुसार, तीन जनवरी को खुफिया विभाग की टीम एजाज का ठिकाना तलाश चुकी थी लेकिन वह इसके नेपाल से बाहर निकलने का इंतजार कर रही थी। तकनीकी जांच में खुफिया विभाग को इस बात की जानकारी हो चुकी थी कि एजाज नेपाल से निकलकर बिहार जाएगा।
पटना-मुंबई और दुबई किया था फोन
सूत्रों की मानें तो तीन जनवरी की शाम एजाज ने मोबाइल नंबर से किसी से रंगदारी मांगी थी। एजाज ने अपने मोबाइल से पटना के साथ मुंबई और दुबई में भी बातचीत की थी। एजाज ने फोन करने के बाद काठमांडू से ठिकाना बदलने के लिए नेपाल के नंबर प्लेट वाली कार का इस्तेमाल किया। उसके पीछे आइबी भी लगी थी। उस पर नजर रखने के लिए आइबी अपनी गाड़ियां भी लगातार बदलती रही।
बना लिया था गैंग
वीरगंज पहुंचकर एजाज ने भी अपनी गाड़ी बदल दी थी। मुंबई में दर्ज हैं 25 कांड जक्कनपुर से गिरफ्तार एजाज युसूफ लकड़ावाला पर मुंबई में 25 काड दर्ज हैं, जिसमें ज्यादातर रंगदारी मागने, हत्या और दंगों से संबंधित हैं। पूछताछ के बाद पता चला कि एजाज नेपाल में छिपा है। एजाज की भूमिका सामने आने के बाद मुंबई पुलिस के सीआइडी (अपराध अनुसंधान विभाग) ने डीसीबी (डिस्ट्रिक्ट क्राइम ब्यूरो) में काड संख्या 5/2020 दर्ज किया। इस काड संख्या का जिक्र जक्कनुपर पुलिस को मुंबई क्राइम ब्राच की ओर से दिए गए आवेदन में भी किया है। एजाज कभी छोटा राजन, दाऊद इब्राहिम तथा छोटा शकील के लिए काम करता था। बाद में इसने अपना गैंग बना लिया।