Bihar Lockdown day 5: बिहार में नीतीश सरकार का बड़ा फैसला-तीन माह तक मुफ्त देंगे राशन
Bihar Lockdown 5 बिहार सरकार कोरोना लॉकडाउन के दौरान राशन कार्डधारियों को एक महीने के बराबर राशन मुफ्त देने जा रही है। क्या है यह योजना पूरी जानकारी के लिए पढ़ें खबर।
पटना, स्टेट ब्यूरो। Bihar Lockdown 5: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के दौर में बिहार के गरीब तबके लिए यह बड़ी खबर है। राज्य की नीतीश सरकार ने अगले महीने से लगातार तीन माह तक (अप्रैल से जून 2020) तक राशनकार्डधारियों को एक माह के बराबर मुफ्त राशन देने का फैसला किया है।
सरकार के फैसले के अनुसार राशन कार्डधारियों को एक साथ दो माह का राशन मिलेगा। जबकि, एक माह के राशन का पैसा देना होगा और साथ में एक माह का राशन मुफ्त मिलेगा। यह केंद्र सरकार के पैकेज के तहत होना है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार के राहत पैकेेज के तहत एक महीने का जो मुफ्त राशन मिलना है वह भी अप्रैल में उपलब्ध हो जाएगा।
कार्डधारियों को एक किलो अरहर या मसूर की दाल भी मुफ्त
शुक्रवार को केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति सचिव, संयुुक्त सचिव, एफसीआइ के कार्यकारी निदेशक व अन्य अधिकारियों ने बिहार के खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर इस बाबत हो रही व्यवस्थाओं की जानकारी दी। पंकज कुमार पाल ने कहा कि राशन कार्डधारियों को एक किलो अरहर या फिर मसूर की दाल भी मुफ्त मिलनी है। नेफेड के माध्यम से इसका उठाव होना है। यह देखा जा रहा है कि नेफेड के किस गोदाम से दाल के उठाव में सहूलियत होगी। इसके हिसाब से उन्हें लिखा जाएगा।
एक महीने के लिए 10 लाख मीट्रिक टन अनाज का उठाव
उन्होंने बताया कि एक महीने के राशन के लिए 10 लाख मीट्रिक टन अनाज का उठाव कर उसे सभी जन आपूर्ति की दुकानों (पीडीएस) तक पहुंचाना है। इसके अतिरिक्त राहत पैकेज वाले अनाज की मात्रा अलग से है।
एक-दो दिनों में बिहार पहुंच जाएंगे खद्यान्न के ट्रक
खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव ने बताया कि बैठक में यह जानकारी भी दी गयी कि बिहार में खाद्यान्न लेकर आ रहे ट्रक राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में फंसे हैं। संबंधित राज्यों के अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिया गया है। एक-दो दिनों में ट्रक पहुंच जाएंगे।
कांफेड के माध्यम से होगी दूध की होम डिलेवरी
पंकज कुमार पाल ने बताया कि दूध की आपूर्ति को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इस बात को केंद्र में रख कांफेड को कहा गया है कि वह दूध की घर-घर डिलेवरी की व्यवस्था सुनिश्चत कराए। लॉकडाउन की अवधि तक यह व्यवस्था जरूरी है।