दुनिया के समक्ष जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती
बच्चों दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती जलवायु परिवर्तन की है सुशील मोदी
पटना । 'बच्चों, दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती जलवायु परिवर्तन की है। तुम लोग मैनेजमेंट के छात्र हो। 'आउट आफ बॉक्स' जाकर सोचो तथा जीवनशैली व आदतों को बदलने की दिशा में थोड़ा सा कार्य करो। पृथ्वी को बचाने के लिए तुम समाज की दिशा बदलने वाले मार्गदर्शक बनो। नौकरी के दौरान इसे जरूर याद रखना। यही अपील करने के लिए आया हूं।' उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में 15 दिवसीय वन महोत्सव के समापन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। बुधवार को वे पर्यावरण शिक्षक की भूमिका में थे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति प्रतिवर्ष औसतन 740 किलोग्राम ऑक्सीजन लेता है। जबकि, एक पेड़ प्रति वर्ष 100 किलो ऑक्सीजन उत्सर्जित करता है। आठ पेड़ों से छोड़ी गई ऑक्सीजन के बराबर एक व्यक्ति लेता है। एक पेड़ एक करोड़ से अधिक मूल्य का होता है। मत्स्य पुराण के अनुसार एक पेड़ 10 संतानों के बराबर है। विकास के दौर में पेड़ों की कटाई के कारण पर्यावरण असंतुलित हो गया है। हमारे पूर्वज प्रकृति के साथ जीना जानते थे। पहाड़, वृक्ष, नदी की पूजा करके उनका संरक्षण करते थे। राज्य की सभी सड़कों, नहर, तटबंध, खाली स्थानों पर पेड़ लगाए जाएंगे। सभी जगह हरियाली दिखेगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुनिया के लिए चुनौती बन चुके जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों से मुकाबला करने के लिए एक अगस्त को वनमोहत्सव का शुभारंभ किया। अब इसने आंदोलन का रूप ले लिया है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 'जल, जीवन, हरियाली' कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। गांवों और शहरों में सभी जगहों पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण हुआ है। आम लोगों के बीच 'ग्रीन वैल्यू' स्थापित करना है। अपनी आदतों में सुधार कर पानी व बिजली की खपत कम करने की जरूरत है। सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने जा रही है। 250 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट के लिए निविदा निकाली जा चुकी है। इसके लिए छात्र 'थिंक ग्लोब्ली, एक्ट लोकली' की तर्ज पर काम करके छोटी-छोटी शुरुआत और पहल से बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। देश में कई जगह जलसंकट उत्पन्न हो गया है। कार्यक्रम में सीआइएमपी के निदेशक डॉ. वी मुकुंद दास, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एसएस चौधरी, क्षेत्रीय वन संरक्षक बीके गुप्ता, पारिस्थितिकी निदेशक संतोष तिवारी, वन संरक्षक गोपाल सिंह, डीएफओ कुमार एस. सामी आदि मौजूद थे।