शिवानंद तिवारी का बड़ा बयान, जातीय जनगणना पर सीएम नीतीश कुमार का मकसद हो गया पूरा

राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि जातीय जनगणना पर होनेवाली सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का निर्णय भाजपा ने खास रणनीति के तहत लिया है। बिहार में नई सरकार बनने की उम्‍मीद लगाए बैठे लोगों को निराशा हुई है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 26 May 2022 01:30 PM (IST) Updated:Thu, 26 May 2022 04:46 PM (IST)
शिवानंद तिवारी का बड़ा बयान, जातीय जनगणना पर सीएम नीतीश कुमार का मकसद हो गया पूरा
संजय जायसवाल, शिवानंद तिवारी व सीएम नीतीश कुमार। फाइल फोटो

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics: एक दिन पहले राज्‍यसभा सदस्‍य सुशील कुमार मोदी पर जोरदार शब्‍दबाण चलाने के बाद राजद के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष शिवानंद तिवारी ने गुरुवार को एक और बम फोड़ा है। अपने फेसबुक पर लंबा-चौड़ा पोस्‍ट कर उन्‍होंने जातीय जनगणना को लेकर होने वाली सर्वदलीय बैठक में भाजपा के शामिल होने के निर्णय की चर्चा की है। लिखा है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने अपना मकसद पूरा कर लिया है। इसी का नतीजा है कि भाजपा जो कभी कहती थी कि देश में अमीर और गरीब दो ही जातियां हैं, अब नीतीश जी के साथ जातियों की गिनती कराएगी। यही तो नीतीश चाहते थे। 

चतुराई से नीतीश ने उठाया वक्‍त का फायदा 

राजद नेता ने लिखा है कि यही तो नीतीश चाहते थे। ऐसा नहीं है कि भाजपा का हृदय परिवर्तन हो गया इसलिए वह जातीय जनगणना के लिए तैयार हो गई है। दरअसल भाजपा के सामने 2024 का लोकसभा चुनाव है। उसके लिए अभी से गोलबंदी शुरू हो चुकी है। नीतीश कुमार ने बहुत चतुराई से इसका लाभ उठाया। इफ्तार पार्टी ने अनुकूल मौका दे दिया। संदेश चला गया कि गलतफहमी में मत रहिए। मेरे पास बना-बनाया विकल्‍प है। भाजपा तो 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश और लालू की संयुक्‍त ताकत का परिणाम देख ही चुकी है। ऐसे में आलाकमान से निर्देश आया और सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का फैसला हो गया। 

नई सरकार बनने की उम्‍मीद लगाए बैठे लोगों को निराशा 

शिवानंद तिवारी ने आगे लिखा है कि भाजपा ने एक कदम आगे और दो कदम पीछे नहीं बल्कि दो कदम आगे और एक कदम पीछे की रणनीति के तहत सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का फैसला किया है। और नीतीश जी को सिर्फ इसी से मतलब था। जातीय जनगणना के मुद्दे पर कुछ दिनों से चल रहे नाटक का पटाक्षेप इसके साथ ही हो गया है। जो नई सरकार बनने की उम्‍मीद लगाए बैठे थे वे जरूर निराश हुए होंगे।  

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