फेफड़े की जांच के बाद ही कर सकेंगे चार धाम यात्रा, कोरोना मुक्त 34 श्रद्धालुओं की मौत के बाद फैसला

हाल के दिनों में कोरोना मुक्त हुए 34 तीर्थयात्रियों की हार्ट अटैक हाई बीपी या माउंट सिकनेस से मौत को देखते हुए बड़ा निर्णय लिया गया है। चार धाम या बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को मेडिकल फिटनेस लेने को फेफड़े की जांच भी करानी होगी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 16 May 2022 10:25 PM (IST) Updated:Mon, 16 May 2022 10:25 PM (IST)
फेफड़े की जांच के बाद ही कर सकेंगे चार धाम यात्रा, कोरोना मुक्त 34 श्रद्धालुओं की मौत के बाद फैसला
अब फेफड़े की जांच के बाद ही कर सकेंगे चार धाम की यात्रा। जागरण आर्काइव।

जागरण संवाददाता, पटना : चार धाम या बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को अब मेडिकल फिटनेस लेने के लिए फेफड़े की जांच भी करानी होगी। हाल के दिनों में कोरोना मुक्त हुए 34 तीर्थयात्रियों की हार्ट अटैक, हाई बीपी या माउंट सिकनेस से मौत को देखते हुए यह निर्णय किया गया है। सिविल सर्जन डा. विभा कुमारी सिंह ने बताया कि इस बाबत सभी अनुमंडलीय अस्पतालों के उपाधीक्षकों और श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल के अधीक्षक को पत्र जारी किया जा रहा है। 

जानें क्या है मामला  

कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष बाद श्रद्धालुओं को बाबा अमरनाथ धाम यात्रा का मौका मिला है। पंजीकरण कराने वालों में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित हुए थे। उनकी एचआरसीटी (हाई रेज्यूलेशन कंप्यूटेड टोमोग्राफी आफ लंग्स) रिपोर्ट 14 प्वाइंट से अधिक थी। अब तक उनके फेफड़े सख्त हैं यानी फाइब्रोसिस का असर है। इससे फेफड़े की फूलने की क्षमता काफी कम हो गई है। ऐसे में उन्हें सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा आक्सीजन की जरूरत पड़ती है। 30 हजार से अधिक मीटर की ऊंचाई पर आक्सीजन की सांद्रता कम होने पर ऐसे लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है। यही कारण है कि गंभीर कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए कई लोगों की मौत हो गई है। 

अभी इन जांचों पर दिया जा रहा फिटनेस सर्टिफिकेट 

 गर्दनीबाग अस्पताल की उपाधीक्षक डा. मंजुला रानी ने बताया कि अभी जो लोग बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट लेने आ रहे हैं, उनके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा, शुगर लेवल, बीपी के अलावा बुजुर्गों की ईसीजी जांच कराई जा रही है। जिनकी रिपोर्ट सही होती है, उन्हें मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट दे दिया जाता है। यदि सिविल सर्जन फेफड़े की क्षमता की जांच के निर्देश देंगी, तो उसे भी कराया जाएगा।

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