पटना आने वाले विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना होगी बेहद कम, पहले ही मिलने लगेगा सिग्नल

पटना एयरपोर्ट पर अब विमानों की लैडिंग पहले से ज्यादा आसान होगी। नई मशीन लगने से 600 किलो मीटर की ऊंचाई से ही सिग्नल मिलने लगेगा। इससे पटना एयरपाेर्ट का लैंडिंग सिस्टम पहले से ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 09 Feb 2021 04:37 PM (IST) Updated:Tue, 09 Feb 2021 04:37 PM (IST)
पटना आने वाले विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना होगी बेहद कम, पहले ही मिलने लगेगा सिग्नल
पटना एयरपोर्ट का लैडिंग सिस्टम पहले से ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना। जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन के निर्माण के साथ ही इसके फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम को भी दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी गई है। एयरपोर्ट के पुराने सिस्टम डाप्लर वेरी हाई फ्रिक्वेंसी ओमनी रेंज, डीवीओआर को हटाकर अपडेटेट आइएलएस इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम मशीन लगाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही एयरपोर्ट ऑथरिटी की ओर से नया अत्याधुनिक डीवीओआर लगाने की अनुमति मिल गई है। एयरपोर्ट आथरिटी की ओर से पटना एयरपोर्ट पर अलग से आइसोलेशन बे भी बनाने की अनुमति दे दी गई है। नई मशीन लगने से एयरपाेर्ट का लैंडिंग सिस्टम काफी सुरक्षित हो जाएगा। 

इसी साल मार्च में है लगना

इस संबंध में एयरपोर्ट निदेशक बीसीएच नेगी ने कहा कि अभी जो डीवीओआर लगा हुआ है, वह 24 साल पहले का है। नई मशीन की कीमत करीब तीन कराेड़ है, जबकि इलेक्ट्रिकल व सिविल इंजीनियरिंग पर 2.36 कराेड़ लगेगा। इसे इसी साल 31 मार्च तक इसे लग जाना है। इसके लग जाने से पायलट काे 600 किलामीटर की ऊंचाई से सिग्नल मिलना शुरू हाे जाएगा। आइएलएस मशीन की कीमत चार कराेड़ है, जबकि इसके सिविल और इलेक्ट्रिकल वर्क की लागत 4.36 कराेड़ हाेगी। इसके अलावा इस साल बिटुमिनस का काम हाेगा।

आाकस्मिक स्थिति में नहीं आएगी परेशानी

एयरपाेर्ट निदेशक भूपेश नेगी ने बताया कि इन दाेनाें मशीनाें के लग जाने से एयरपाेर्ट की जाे विजिबिलिटी है, उसमें बहुत सुधार नहीं होगा, परंतु विमान के उतारने में पायलट काे और सुविधा मिलेगी। इस सिस्टम के लगने से लेंडिंग आसान हो जाएगी। एयरपोर्ट निदेशक नेगी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से एयरपोर्ट की दक्षिणी बाउंड्री से सटी 16.5 एकड़ जमीन पर मशीन लगाने और आइसोलेशन वे बनाने के लिए अनुमति दे दी गई है। पिछले साल दिसंबर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आपरेशनल एरिया में गए थे। इसी दाैरान उनसे कहा गया था कि रेलवे लाइन के पास 16.5 एकड़ जमीन खाली है। इस जमीन पर आइसोलेशन वे और डीवीओआर लगाने की जरूरत है। सरकार ने इस सरकारी जमीन पर मशीन लगाने और आइसोलेशन बे बनाने की अनुमति दे दी। आइसोलेशन वे के बन जाने से आकस्मिक स्थिति में कोई परेशानी नहीं होगी।

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