बिहार विधानमंडल का बजट सत्र आरंभ, पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश, बजट आज

बिहार विधानमंडल का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र में मंगलवार को अगले वित्‍तीय वर्ष का बजट पेश किया जाएगा। इसके पहले सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया गया।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 26 Feb 2018 09:09 AM (IST) Updated:Tue, 27 Feb 2018 01:46 PM (IST)
बिहार विधानमंडल का बजट सत्र आरंभ, पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश, बजट आज
बिहार विधानमंडल का बजट सत्र आरंभ, पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश, बजट आज
style="text-align: justify;">पटना [जेएनएन]। पटना [जेएनएन]। बिहार विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार को शुरू हुआ। अब मंगलवार को सदन में बिहार का बजट पेश किया जाएगा। बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल सत्यपाल मलिक के अभिभाषण से हुई। उन्होंने अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियां भी गिनायीं। इसके बाद उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया।
इस बार का आर्थिक सर्वेक्षण नये अवतार में पेश किया गया। यह दो खंडों में है. खंड-1 में अल्पकालिक से लेकर मध्यकालिक परिप्रेक्ष्य में बिहार की अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश की गयी तो वहीं, खंड-2 में सांख्यिकी परिशिष्ट के साथ राज्य सरकार की कुछ हाल की उपलब्धियां दी गयीं हैं।
अब आगे मंगलवार को सुशील मोदी बिहार के वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट  पेश करेंगे। बिहार का बजट पौने दो लाख करोड़ से अधिक होने की संभावना जतायी जा रही है। यह पिछले बजट की तुलना में 15 से 20 हजार करोड़ से अधिक का होगा।
राज्‍यपाल बोले: बिहार में घटे अपराध
बजट सत्र में अपने संबोधन के दौरान राज्‍यपाल सत्‍यपाल मल्लिक ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद अपराध में कमी आई है। अपराध की दृष्टि से बिहार का देश में 22वां स्‍थान है। उन्‍होंने कहा कि कानून-व्‍यवस्‍था सरकार की सवोच्‍च प्राथमिकता है।
राज्‍यपाल ने राज्‍य के विकास के लिए संचालित योजनाओं तथा युवाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने के सरकार के कार्यों पर भी बल दिया। कहा कि बिहार की विकास दर 14.82 फीसद है।


राज्‍यपाल के संबोधन के दौरान सदन में शांति रही। पक्ष व विपक्ष के सभी जनप्रतिनिधि राज्‍यपाल के संबोधन को सुनते रहे। लेकिन, इसके बाद कल से हंगामे के आसार हैं।


बजट में शिक्षा प्रक्षेत्र पर सबसे अधिक आवंटन का अनुमान
पिछले वर्ष के 1.60 लाख करोड़ के बजट में इस बार करीब 12 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। कैबिनेट ने पिछले दिनों 1.77 लाख करोड़ के बजट प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी। संभावना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी राज्य सरकार सबसे अधिक राशि शिक्षा प्रक्षेत्र के लिए आवंटित करे। पिछली बार 25,251 रुपये शिक्षा पर खर्च करने का फैसला लिया गया था।
प्रदेश में साक्षरता दर पहले से काफी बढ़ी है, मगर फिर भी यह अभी अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को अपने बूते चलाने की घोषणा और तीन नए विश्वविद्यालयों की स्थापना जैसे कार्य इस संभावना को प्रबल बनाते हैं कि शिक्षा के लिए सबसे अधिक राशि आवंटित होगी।
वहीं, कृषि और ग्रामीण विकास भी पीछे नहीं रहेंगे। पिछले साल स्वास्थ्य के प्रक्षेत्र में अधिक राशि आवंटित नहीं थी, मगर केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के लिए लागू होने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना के कारण इस बार के बजट में स्वास्थ्य पर अधिक फोकस आवश्यक है। इस योजना में राज्य सरकार को 40 प्रतिशत राशि देनी है।
सात निश्चय योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए पुख्ता इंतजाम
राज्य सरकार ने पिछली बार भी बजट में सात निश्चय कार्यक्रम को प्राथमिकता दी थी। इस वित्तीय वर्ष में इन कार्यक्रमों को सरजमीन पर उतारने के लिए और अधिक राशि की आवश्यकता होगी। जाहिर है बजट में इसका प्रावधान किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस बार अपना बजट किसान एवं गांव पर केंद्रित किया है।
राज्य सरकार से भी ऐसी ही उम्मीद की जा रही है क्योंकि पिछले ही वर्ष दिसंबर में तीसरा कृषि रोडमैप जारी हुआ है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की लगातार बात कही जा रही है।
चार अप्रैल तक चलेगा सत्र
सोमवार से आरंभ हो रहे बजट सत्र के दौरान विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर 27 एवं 28 फरवरी को वाद-विवाद होगा। वहीं पहली मार्च को बजट पर सामान्य विमर्श निर्धारित है। परन्तु, पहली मार्च को सदन चलाने का मामला फिलहाल कार्यमंत्रणा समिति के अधीन है। होली के कारण यह विमर्श किसी और दिन रखा जा सकता है। बजट सत्र में कई विधेयक भी 28 मार्च एवं 2 अप्रैल को पेश किए जाएंगे। अंतिम दिन 4 अप्रैल को गैरसरकारी संकल्प का निष्पादन होगा।
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